हरियाणवी कला व संस्कृति को बचाने में सहायक हैं कला उत्सव: प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज

September 21, 2021

हरियाणवी कला व संस्कृति को बचाने में सहायक हैं कला उत्सव: प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज

एचएयू में हरियाणा कला उत्सव का आयोजन, रंगारंग कार्यक्रमों में झुमे दर्शक

हिसार  21 सितंबर  रवि पथ :

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में हरियाणवी कला उत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय एवं गुरू जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए जबकि हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन विशिष्ट अतिथि थे। मुख्यातिथि ने कहा कि हरियाणवी कला व संस्कृति को बचाने में हरियाणवी कला उत्सव जैसे कार्यक्रम महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से विभिन्न विधाओं जैसे रागिनी, भजन, लोकगीत व लोकनृत्य आदि का विकास होता है। शिक्षण संस्थानों में इस तरह के आयोजनों से विद्यार्थियों में भी अपनी संस्कृति के प्रति रूचि बढ़ती है जो इसके संरक्षण में सहायक होती है। इससे तीज-त्यौहारों पर गाए जाने वाले गीतों व नृत्यों को पुर्नजीवित करने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते ऐसे आयोजन लगभग बंद ही हो गए थे, ऐसे में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन इस महामारी के चलते उत्पन हुए मानसिक अवसादों को काफी हद तक दूर करने में मदद करते हैं। हरियाणवी संस्कृति से नई पीढ़ी का चहुमुंखी विकास होता है जो उनकी मानसिक व बौद्धिक दक्षता व सक्षमता में बढ़ोतरी करता है। कार्यक्रम का आयोजन छात्र कल्याण निदेशालय स्थित म्यूजिक एवं ड्रामाटिक क्लब द्वारा हरियाणा कला परिषद हिसार डिवीजन के संयुक्त तत्वावधान में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत किया गया। हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन ने कहा कि कोरोना महामारी का लोक कलाकारों पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है। ऐसे आयोजनों से दोबारा से जीवन पटरी पर आने लगा है, जो एक शुभ संकेत है। छात्र कल्याण निदेशक डॉ. देवेंद्र सिंह दहिया ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन का मुख्य उद्देश्य हरियाणवी संस्कृति को पुन:जीवित करने का है।
एक के बाद एक रंगारंग प्रस्तुतियों ने मोहा मन
कार्यक्रम की शुरूआत हरियाणवी लोककलाकार महावीर गुड्डू ने शानदार हरियाणवी लोकसंस्कृति को दर्शाती प्रस्तुति से की। इसके बाद सावन के गीत, प्रदेश में गए पति का वियोग दशा के गीत, देशभक्ति गीत, आल्हा सहित चुटकूलों की एक के बाद एक मनोहक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को झुमने पर मजबूर कर दिया। एक छोटी कलाकार द्वारा भू्रण हत्या को लेकर प्रस्तुत संगीतमयी प्रस्तुति ने सभागार का एकदम माहौल बदलते हुए सभी को इस कुरीति के प्रति सोचने को मजबूर कर दिया। कार्यक्रम के अंत में देशभक्ति गीत व उसके बाद राष्ट्रगान के साथ इसका समापन किया गया। डॉ. संध्या शर्मा द्वारा प्रस्तुत रागिनी ने सभी का मन मोह लिया। साथ ही विश्वविद्यालय की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत लोकनृत्य ने समा बांध दिया। स्वयं कुलपति महोदय खुद को रोक नहीं पाए और कार्यक्रम के दौरान देशभक्ति गीत पर तिरंगे के साथ मंच पर कलाकारों का उत्सावर्धन किया।
ये भी रहे मौजूद
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की प्रथम महिला एवं कुलपति की धर्मपत्नी संतोष कुमारी, ओएसडी डॉ. अतुल ढींगड़ा, विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. रामनिवास ढांडा, अधिष्ठाता डॉ. अमरजीत कालड़ा, डॉ. एम.एस. सिद्धपुरिया, डॉ. राजवीर सिंह, डॉ. बलवान सिंह, वित नियंत्रक नवीन जैन, डॉ. राजेंद्र सिंह बेनीवाल सहित विश्वविद्यालय के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, निदेशक, विद्यार्थी व अनेक कला प्रेमी मौजूद रहे। कार्यक्रम में डॉ. संध्या शर्मा ने सभी का स्वागत किया जबकि डॉ. जीतराम शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की नोडल आफिसर डॉ. अपर्णा, आयोजक सचिव डॉ. संध्या शर्मा व सह-सचिव डॉ. देवेंद्र सिंह थे। मंच का संचालन छात्रा अनु व छात्र अंकित ने किया।