हिसार जिले के नगथला गांव एक परिवार के पशुपालको की पिछले 24 घंटो में 30 दूधरु पशुओं की मौत

July 21, 2020

(हिसार जिले से बडी खबर)

हिसार जिले केनगथला गांव एक परिवार के पशुपालको की पिछले 24 घंटो में 30 दूधरु पशुओं की मौत,

पशुपालकों की चिंताए बढी, लुवास व पशुपालन की टीम ने आज दोपहर को लिए सैंपल,

तीन दिन बाद सैपलों की आएगी रिपोर्ट, टीम ने किया मृतक पशुओं को गांव में किया पोस्टमार्टम, पशुपालकों की प्रशासन व हरियाणा के मुख्यमंत्री से मांग है कि मृतक पशुओं का सरकार से मुआवजा मिलना चाहिए ,

ढाई लाख की दवाईया दे चुके परंतु दवाईयों का कोई असर नही लगातार दूधरु पशु मर रहे है पशु पालको का आरोप लापरवाही भी साफ दिख रही है

21 जुलाई हिसार रवि पथ

हिसार जिले के गांव में नगथला गांव में एक परिवार के चार पशुपालकों का पिछले 24 घटों में 30 पशुओं के मरने का मामला सामने आया है और भी मरने का सिलसिला जारी है। नंगथला गंाव में पशुओं पालकों की 30 दूधरू भैंसों मर चुकी है पशुओं के मरने का मामला थमने नही रहा है। इससे दूधरु पशुओं के मरने से एक ही परिवार के पशुपालकों का लगभग 30 लाख रुपयों से अधिक का नुक्सान हो चुका है और ढाई लाख रुपये की दवाईया दी जा चुकी है परंतु स्थिति ज्यो की त्यो बनी हुई लगातार पशु मर है पशु चिकित्सो द्वारा दी गई दवाईया कोई असर नही हो रहा है। इस तरह का मामला हिसार जिले में देखने में आया है। ऐसे में चिताए काफी बढ गई है।

पशुपालकों का आरोप है लुवास के चिकित्सकों को सूचित कर दिया परंतु टीम रविवार को नही पहुची। इस मामले को लेकर आज पशुपालन विभाग की टीम तथा लुवास की टीम ने गांव में दौरा किया। किया और पशुओं का ईलाज शुरु किया है परंतु दवाईयों का कोई असर नही हो रहा है। अगर वरिष्ठ पशु वैज्ञानिकों की टीम नही पहुचेगी तो पशुपालकों का नुक्सान हो जाएगा। लुवास व पशुपालन विभाग इस अज्ञात बीमारी को देखते आज मृत पशुओं का पोस्टमार्टम किया है और टीम ने मौके पर कई तरह सैंपल लिए है सैंपलों की रिपोर्ट तीन बाद आने की संभावना है फिलहाल पशुपालकों के पशु लगातार मर रहे है। पशुपालकों की जिला प्रशासन से मांग है कि जो पशु मर चुके है उन्हें सरकार से उचित मुआवजा मिलना चाहिए।
नगथला निवासी रणबीर सिंह, बलबीर सिंह, दिनेश, सरजीत चारो सगे भाई है और वे बताया कि वे नगथला गांव में पशुपालक है और पशुओं का दूध बेच कर अपने घर का गुजर बसर करते है। उन्होंने बताया कि उन्होंने घरों में लगभग 110 पशु है और समय पर उनकी देखभाल करते है।

उन्होंने बताया कि पिछले तीन दिन पूर्व उनके भैंसों की अचानक तबीयत खराब हुई थी। अब तक 30 दूधरु पशुओं की मौत हो चुकी है अभी यह समझ नही आया कि किस कारण से उनकी मौत हुई है। उन्होंने बताया कि पशुपालन विभाग व लुवास के चिकित्सकों को रविवार को सूचित किया परंतु टीम रविवार को नही पहुची थी। समय पर ईलाज न मिलने के कारण उनके पशुओं की मौत हो हुई है। उन्होंने कहा कि ऐसे में चिकित्सकों को अपनी जिम्मेवारी समझते हुए ईलाज करना चाहिए था पंरतु लेट ईलाज किया गया।
पशुपालकों का कहना है कि अचानक भैंस की तबीयत खराब होती है और खडी खडी भैस के पांव डगमाने लगते है थोडी देर बाद भैंस दम तोड देती है अभी यह समझ नही आया है यह किस बीमारी भैंसों में आई है ऐसा यह पहली बार हुआ है। उन्होने बताया कि चिकित्सकों ने टीम ने दवाईया दी है परंतु पशुओं पर दवाईयों का असर कम ही दिख रहा है। उन्होंने बताया कि जब वे पशुओं को बीमा करवाने के लिए जाते है परंतु कोई भी पशुओं को बीमा नही करता उनकी हरियाणा के मुख्य मत्री व प्रशासन से मांग है कि जो दूधरु पशु मर चुके है उन्हें उचित मुआवाज मिलना चाहिए।


हिसार पशुओं के मामले को गंभीर देखते हुए चिकित्सीय जांच के लिए लुवास व पशुपालन विभाग ने मिलकर टीमों का गठन किया है। जिसमें लुवास के पशु चिकित्सक डा. रमेश यादव व पशुपालन विभाग के एसडीओ प्रेम प्रकाश गैरा के नेतृत्व चिकित्सा टीमों का गठन किया है। टीम में डा. मनीद्र , संजय कुमार संदीप शामिल है। पशुओं को पोस्टमार्टम किया गया है। उन्होंने आज फीड, ब्लैड तथा लारवा के सैंपल लिए है जो सैंपल लुवास लेबोरेट्री में भेज गए है। उन्होंने बताय कि तीन दिन बाद सैपलों की रिपोर्ट आएगी जिसमें पता चल पाएगा।