सरकार को नहीं होना चाहिए इतना बेदर्द, संवेदनशीलता और तत्परता से करना चाहिए किसानों की मांगों पर विचार- हुड्डा

December 13, 2020

सरकार को नहीं होना चाहिए इतना बेदर्द, संवेदनशीलता और तत्परता से करना चाहिए किसानों की मांगों पर विचार- हुड्डा

किसान परिवारों को उचित मुआवज़ा और एक-एक सरकारी नौकरी दे प्रदेश सरकार- हुड्डा

नरवाना, 13 दिसम्बर रवि पथ :

मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आज जींद के उझाना गांव में पहुंचकर किसान किताब सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कृषि क़ानूनों के विरोध में भारत बंद के दौरान गांव के पास धरने पर किताब सिंह की मौत हो गई थी। इस आंदोलन के दौरान अबतक जींद, सोनीपत और हिसार के तीन किसानों की जान जा चुकी है। पंजाब-हरियाणा दोनों राज्यों के दर्जनभर किसान अबतक अपनी जान गंवा चुके हैं। उझाना गांव में पहुंचे भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किताब सिंह के परिवार को ढांढ़स बंधाया और कहा कि दु:ख की इस घड़ी में वो परिवार के साथ हैं।
इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए हुड्डा ने प्रदेश सरकार से आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले सभी किसानों के परिवारों को उचित आर्थिक मदद और एक-एक सरकारी नौकरी देने की मांग की। उन्होंने कहा कि किसानों के प्रति सरकार की अनदेखी लगातार जानलेवा साबित हो रही है। धरना स्थल पर किसान लगातार अपनी जान गंवा रहे हैं, लेकिन सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है।

अपना घर छोडक़र जायज़ मांगों के लिए संघर्ष कर रहे किसानों को खुले आसमान के नीचे बैठे कऱीब 3 हफ्ते हो चुके हैं। लेकिन सरकार मानो अपनी आंखें बंद किए बैठी है। सरकार को इतना बेदर्द नहीं होना चाहिए। उसे किसानों की मांगों पर संवेदनशीलता और तत्परता से विचार करना चाहिए। हुड्डा ने कहा कि किसानों का आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण और मांगे पूरी तरह जायज़ हैं। हम किसानों की मांगों के साथ खड़े हैं। एमएसपी की गारंटी किसानों का अधिकार है। साथ ही किसानों की मांग है कि सरकार तीनों कृषि क़ानूनों को वापिस ले।