मुख्यमंत्री मनोहर लाल को अपने आलाकमान का डर, इसलिए नहीं उठा रहे हरियाणा के किसानों की आवाज- कुमारी सैलजा

November 28, 2020

मुख्यमंत्री मनोहर लाल को अपने आलाकमान का डर, इसलिए नहीं उठा रहे हरियाणा के किसानों की आवाज- कुमारी सैलजा

प्रधानमंत्री मोदी को किसानों की नहीं सिर्फ अपने पूंजीपति मित्रों की चिंता- सैलजा

बातचीत में देरी क्यों? सरकार तुरंत किसानों से बातचीत कर इन कृषि विरोधी काले कानूनों को वापस ले- सैलजा

चंडीगढ़, 28 नवंबर रवि पथ :

हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल में इतनी हिम्मत नहीं है कि वह हरियाणा प्रदेश के किसानों का दुख दर्द जानें, उनकी बात उठाएं, केंद्र सरकार के सामने किसानों की पीड़ा और मांगें रखें, क्योंकि उन्हें अपने आलाकमान का डर है। इसी कारण मुख्यमंत्री जी जानबूझकर कह रहे हैं कि किसान आंदोलन में हरियाणा प्रदेश के किसान नहीं है। सच्चाई यह है कि प्रधानमंत्री मोदी जी को अपने पूंजीपति मित्रों की चिंता है और मुख्यमंत्री मनोहर लाल को अपने आलाकमान का डर है। इसी कारण हरियाणा का किसान आज इन कृषि विरोधी काले कानूनों के खिलाफ आंदोलन पर है।

यह बातें हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने यहां जारी बयान में कहीं।

कुमारी सैलजा ने प्रधानमंत्री मोदी की किसान आंदोलन पर चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि मन की बात और हर मुद्दे पर ट्वीट करने वाले प्रधानमंत्री जी आज जो किसान आंदोलन कर रहे हैं, जो किसानों पर अत्याचार हो रहा है, उसपर गहरी चुप्पी साध कर बैठे हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी के पास इतना समय नहीं है कि वह किसानों की बात सुन सकें और उनकी पीड़ा पर कुछ कहें। प्रधानमंत्री जी को किसानों की नहीं सिर्फ अपने पूंजीपति मित्रों की चिंता है। इसी कारण भाजपा सरकार किसान आंदोलन को दमनकारी नीतियों से दबाने और किसानों की आवाज कुचलने पर आमादा है। प्रधानमंत्री जी ने बिहार चुनाव में हजारों की संख्या में लोगों को जुटाकर रैलियां की थी, भाजपा द्वारा कार्यक्रमों में भीड़ जुटाई जा रही है, रोड शो निकाले जा रहे हैं, तो क्या इनसे कोरोना नहीं फैल रहा। आज जब किसान अपने हकों के लिए आंदोलन करना चाहते हैं तो कोरोना का बहाना लगाकर उन्हें कुचला जा रहा है। यह भाजपा सरकार के दोहरे चरित्र को उजागर करता है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों से बातचीत में इतना समय क्यों लिया जा रहा है? तीन दिसंबर की बजाय केंद्र सरकार तुरंत किसानों को बातचीत के लिए बुलाए और इन काले कानूनों को वापस ले। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पिछले दिनों में सरकार द्वारा षड्यंत्र रचकर इस आंदोलन को कुचलने के प्रयास किए गए हैं, उसे देखते हुए बातचीत में केंद्र सरकार की तरफ से की जा रही देरी में षडयंत्र की बू आ रही है। आज देश के लाखों आंदोलनरत किसान सड़कों पर बैठकर धरना दे रहे हैं। लेकिन सरकार गूंगी, बहरी और अंधी बनी हुई है। सरकार का ध्यान सिर्फ किसान आंदोलन को कुचलने पर है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार द्वारा किसानों पर की गई दमनकारी कार्रवाई को पूरे देश ने देखा। आज हरियाणा प्रदेश के किसान आंदोलन पर हैं। लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल को यह दिखाई नहीं दे रहा है। असलियत यह है कि मुख्यमंत्री जानबूझकर सच्चाई को नहीं देखना चाहते हैं। उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांधी हुई है। बरोदा उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी को भारी अंतर से जिताकर किसानों ने इस सरकार के खिलाफ जो आक्रोश व्यक्त किया था, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इससे भी कोई सीख नहीं ली।