किसानों के खिलाफ काले कानून के बाद अब श्रमिको के ऊपर हमला- किरण चौधरी

September 27, 2020

श्रमिक कानून से निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मियों व श्रमिको के हितों पर किया गया कुठाराघात- किरण चौधरी

किसानों के खिलाफ काले कानून के बाद अब श्रमिको के ऊपर हमला- किरण चौधरी

श्रमिक कानून की आड़ में उद्योगपतियों व पूंजीपतियों द्वारा निजी क्षेत्र के श्रमिकों, कर्मचारियों का होगा शोषण- किरण

भिवानी, 27 सितम्बर रवि पथ :

कांग्रेस विधायक एवं पूर्व मंत्री श्रीमती किरण चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार पूंजीपतियों व उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है और इसी के तहत किसानों के खिलाफ काले कानून लागू करने के बाद अब भाजपा सरकार द्वारा संसद में श्रमिक कानून पास करवाए गए हैं जो निजी क्षेत्र में काम कर रहे कर्मियों के हितों के खिलाफ हैं, यह कानून लागू होने के बाद निजी क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिको, कर्मचारियों का शोषण होगा और बेरोजगारी को बढ़ावा मिलेगा।

किरण चौधरी ने कहा कि कोरोना की आड़ में सरकार द्वारा लाए गए किसान विरोधी काले कानूनों के बाद श्रमिक विरोधी कानून से भाजपा सरकार का असली चेहरा सामने आ गया है और भाजपा सरकार पूंजीपतियों व उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है यही कारण है कि अब निजी क्षेत्र के कर्मियों के शोषण के लिए भाजपा सरकार द्वारा काले कानून लागू कर दिए गए है, इस कानून के तहत कम्पनियों, फक्ट्रियो में काम करने वाले कर्मचारियों को निकालने, प्रमोशन में पक्षपात जैसे नियम पूरी तरह से कंपनियों के हाथ मे आ गए हैं ओर इस कानून की आड़ में अब कम्पनियो व फैक्ट्रियों के मालिकों द्वारा कर्मियों व श्रमिको का शोषण किया जाएगा।

किरण चौधरी ने कहा कि अब तक नियोक्ता कम्पनी कानून के तहत किसी भी कर्मचारी को एकदम से नही निकाल सकते थे बल्कि निकालने से पहले कर्मचारी को सूचना देनी होती थी व कुछ महीनों की सैलरी भी देनी पड़ती थी जबकि अब ने कानून के मुताबिक 300 से ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनी बिना मंजूरी के जब चाहे कर्मचारियों की छंटनी कर सकेगी जिसका बड़ी कंपनियां फायदा उठाएंगी व इसकी आड़ में श्रमिकों का शोषण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार पूंजीपतियों व उद्योगपतियों के दवाब में काम कर रही है और लगातार आढ़तियों, किसानों, श्रमिको के विरोध में कानून लागू कर रही है ओर भजपा सरकार द्वारा लागू किए गए श्रमिक कानून निजी क्षेत्र में काम कर रहे कर्मियों के हितों के ऊपर कुठाराघात है ओर इन कानूनों की आड़ में निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मियों- श्रमिको के हितों का हनन किया जाएगा।