किसान सर्दी-गर्मी से नहीं डरता ः राकेश टिकैत

February 20, 2021

किसान सर्दी-गर्मी से नहीं डरता ः राकेश टिकैत

बिल वापसी तक दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहेंगे किसान
राकेश टिकैत ने कहा, फसल जलाकर अपना नुकसान न करें

गाजियाबाद, 20 फरवरी रवि पथ :

यूपी गेट (गाजीपुर बार्डर) पर 28 नवंबर से चल रहा किसान आंदोलन शनिवार को भी जारी रहा। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के ऊपर चल रहे संयुक्त किसान मोर्चा के मंच से दिन भर संबोधन चलते रहे। आंदोलनकारी किसानों ने मंच से हुंकार भरी कि जब तक भारत सरकार नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती, किसान दिल्ली की सीमाओं से अपने घर जाने वाला नहीं है।
गाजीपुर मोर्चा का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी शनिवार को आंदोलन स्थल पर रहे। दरअसल शनिवार को श्री टिकैत को महाराष्ट्र में एक पंचायत को संबोधित करने जाना था, लेकिन वहां कोरोना के मामले बढने के चलते लॉक डाउन होने के कारण किसान पंचायत का कार्यक्रम रद्द हो गया था। टिकैत शुक्रवार रात को ही एयरपोर्ट से लौट आए। एक सवाल के जबाब में उन्होंने कहा कि कोरोना के मामले बढने के चलते यदि कहीं लॉकडाउन किया गया है तो ऐसी जगह हमें नहीं जाना चाहिए। हम सिस्टम को मानने वाले लोग हैं।
राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को लगता है कि किसान गर्मी से डरकर भाग जाएगा, ऐसा नहीं है। जो किसान सर्दी से नहीं डरा, वह गर्मी से भी नहीं डरने वाला। उन्होंने शनिवार को एक बार फिर दोहराया, जब तक बिल वापसी नहीं, तब तक घर वापसी नहीं। उन्होंने कहा कि खेतों में भी काम प्रभावित ना हो, इसके लिए हमने रणनीति तैयार कर ली है। किसान नंबर- बारी से आंदोलन स्थल पर आते रहेंगे और फिर जाते रहेंगे। इसके अलावा यह भी तय किया गया है कि जो किसान आंदोलन में रहेगा, गांव वाले उसके खेत का, उसके काम का पूरा ध्यान रखेंगे।
बिजनौर में एक किसान द्वारा फसल जलाए जाने के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि ऐसा करना ठीक नहीं है। इससे नुकसान होता है। हमने अभी केवल यह आव्हान किया है कि किसान आंदोलन के लिए अपनी एक फसल कुर्बान करने को तैयार रहें। इसका मतलब यह नहीं है कि फसल में आग लगा दें, नहीं। आंदोलन के लिए जरूरत पड़ी तो किसान फसल का मोह छोड़ने को तैयार रहें। हालांकि अभी आंदोलन उस स्थिति में नहीं है, यह आव्हान बहुत ही विपरीत स्थिति के लिए किया गया था। उन्होंने किसानों से अपील की है कि आवेश में आकर अभी ऐसा कोई कदम न उठाएं।

आंदोलन स्थल पर होंगे कारज, बचा हुआ पैसा सेना को भेजेंगे किसान
किसानों को दिल्ली की सीमाओं पर तीन माह का समय पूरा होने को है। आंदोलन के दौरान ऐसे तमाम लोग रहेजिन्होंने अपना जन्मदिन यहां मनाया। अब किसान इस बात की मांग करने लगे हैं कि उनके शादी ब्याह और सगाई समारोह आदि आंदोलन स्थल पर ही किए जाएं। राकेश टिकैत ने बताया कि 2 मार्च को एक वैवाहिक कार्यक्रम यूपी गेट (गाजीपुर बार्डर) पर करने की इच्छा जाहिर की गई है। ऐसे कार्यक्रम जो लोग यहां करेंगे तो वर और बधु, दोनों पक्षों की ओर से 51 हजार रूपए सेना के रिलीफ फंड में दिए जाएंगे।
इस मौके पर राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों के लिए जय जवान, जय किसान का नारा केवल नारा नहीं बल्कि हकीकत है और इसे किसान आंदोलन में मूर्तरूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान देश की जनता का पेट भरता है और सरहद पर जवान देश की रक्षा करता है लेकिन सरकारें इन दोनों को भूल गई हैं। ऐसे में सरकार को कुंभकर्णी नींद से जवानों के परिवारजनों को मदद के माध्यम से जगाने का भी काम किसान करेगा।

किसान जागृति रैली निकालीयूपी गेट (गाजीपुर बार्डर) पर शनिवार शाम को किसान जागृति रैली निकाली गई। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन और गाजीपुर बार्डर आंदोलन कमेटी के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा के नेतृत्व में यह रैली रोजाना शाम को निकाली जाती है। रैली में शामिल किसानों का कहना था कि मीडिया में रोजाना इस तरह की खबरें आ रही हैं कि गाजीपुर बार्डर से किसान कम हो रहे हैं, जबकि ऐसा नहीं है। शाम को किसान पैदल मार्च करते हुए किसान जागृति रैली का आयोजन करते हैं, उसमें देखा जा सकता है कि बार्डर पर कितने किसान मौजूद हैं।

गर्मी से बचने की तैयारी में जुटे किसान
मौसम के करवट बदलने के साथ ही किसानों ने गर्मी से बचाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। टेंटो को हवादार बनाने के साथ ही, टेंटो में मच्छरों से बचाव के लिए जालियां, बांस और टिन का उपयोग कर लंबे समय तक टिकने की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा धूप से बचने के लिए चटाईयां लाई जा रही हैं। टेंटों का बड़ा भी किया जा रहा है। किसानों का कहना है बड़े टेंटो में कई किसान एक साथ आ सकेंगे। जहां पर एसी, कूलर और पंखे की भी व्यवस्था की जाएगी। गाजीपुर आंदोलन कमेटी के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि आंदोलन स्थल स्थित लंगरों में फ्रिज की व्यवस्था करने के साथ टेंटो में गर्मी से बचने के लिए इंतजाम शुरू कर दिए गए हैं।

रोहतक से आया झोपड़ीनुमा तिपहिया बना आर्कषण का केंद्र
शनिवार को गाजीपुर बार्डर आंदोलन स्थल पर एक झोपड़ीनुमा तिपहिया पहुंचा। दरअसल तिपहिए को पूरी तरह फूस की झोपड़ी से कवर किया गया है, और इस झोपड़ी को तिरंगे के रंगों से रंगा गया है। उसके ऊपर तिरंगा लहरा रहा है और बगल में लगा है किसानी का झंडा। ऑटो के ऊपर बनाई गई झोपड़ी करीब दस फीट लंबी तीन फीट चौड़ी है। झोपड़ी में हुक्का पीने के साथ सोलर पैनल से पंखे चलने और मोबाइल चार्जिंग की भी व्यवस्था की गई है। झुग्गी को विकास, सोनू और जगबीर अपने दोस्तों के साथ रोहतक से लेकर पहुंचे गाजीपुर बार्डर पहुंचे।

महाराष्ट्र से पहुंचा किसानों का जत्था
शनिवार को भी महाराष्ट्र से किसानों का एक जत्था गाजीपुर बार्डर पर पहुंचा और आंदोलन को समर्थन दिया। महाराष्ट्र से आए किसान राकेश टिकैत से मिलकर भावुक हो गए। उन्हें राकेश टिकैत ने संभाला और तत्काल वालंटियर्स ने पानी मंगवाकर पिलाया। इसके अलावा आसपास के जनपदों से भी शनिवार को दो दर्जन से अधिक ट्रैक्टर-ट्राली आंदोलन स्थल पर पहुंचे। दरअसल किसानों ने शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन की बैठक में बनाई गई रणनीति पर अमल शुरू कर दिया है।