किसानों के आंदोलन की गूंज पहुंची सात समुंदर पार, ऑस्ट्रेलिया ब्रिसबेन में रह रहे भारतीय मूल निवासियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से किया किसानों का समर्थन

December 2, 2020

किसानों के आंदोलन की गूंज पहुंची सात समुंदर पार, ऑस्ट्रेलिया ब्रिसबेन में रह रहे भारतीय मूल निवासियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से किया किसानों का समर्थन

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की अपील किसानों की सुने बात, वापिस करें तीनों अध्यादेश

आस्ट्रेलिया, ब्रिसबेन रवि पथ न्यूज़ :

हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में चल रहे किसानों के आंदोलन की गूंज अब भारत में ही नहीं बल्कि भारत से बाहर सात समुंदर तक पहुंच चुकी है। भारतीय मूल के निवासी ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में रह रहे सीनियर सिटीजन ने भी किसानों के इस आंदोलन का समर्थन किया है और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वह किसानों की बात सुने और जो तीन अध्यादेश सरकार लेकर आई है उनको वापिस करें।

किसानों के समर्थन में खुलकर उतरे ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका के सांसद

ब्रिटेन के लेबर पार्टी के सांसद और रेल मंत्री तनमनजीत सिंह ने ट्वीट किया, ये बहुत ही अलग तरह के लोग हैं जो अपना दमन करने वाले लोगों का भी पेट भरते हैं. मैं पंजाब और भारत के बाकी राज्यों के किसानों, अपने दोस्तों और परिवार के लोगों के साथ खड़ा हूं जो #FarmersBill2020 के तहत होने वाले निजीकरण का विरोध कर रहे हैं.

लेबर पार्टी के ही सांसद जॉन मैकडोनल ने तनमनजीत सिंह का समर्थन किया और लिखा, शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों के प्रति दमनकारी रवैया अस्वीकार्य है और ये भारत की छवि को खराब करता है.

लेबर पार्टी की एक अन्य सांसद प्रीत कौर गिल ने ट्वीट किया, दिल्ली से हैरान करने वाले दृश्य. किसान अपनी आजीविका को प्रभावित करने वाले विवादित बिल का शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन उन्हें चुप कराने के लिए पानी की तेज बौछार और आंसू के गोलों का इस्तेमाल किया जा रहा है. भारत में विवादित कानून को लेकर विरोध कर रहे नागरिकों के साथ बर्ताव का ये तरीका बिल्कुल सही नहीं है.

कनाडा में भी भारत के नए कृषि कानून की चर्चा हो रही है. कनाडा में जगमीत सिंह के नेतृत्व वाली न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद इसे लेकर ज्यादा मुखर हैं. न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रमुख जगमीत सिंह ने ट्वीट किया, शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ भारत सरकार की हिंसा बेहद आहत करने वाली है. मैं पंजाब और भारत के किसानों के साथ खड़ा हूं. मैं भारत सरकार से अपील करता हूं कि हिंसा के बजाय शांतिपूर्ण बातचीत का रास्ता अपनाए.

सेंट जॉन ईस्ट से सांसद जैक हैरिस ने भी भारत के नए कृषि कानून को लेकर ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, हम ये देखकर हैरान हैं कि आजीविका पर संकट देखकर प्रदर्शन कर रहे किसानों का भारत सरकार दमन कर रही है. वाटर कैनन और आंसू के गोले की बजाय भारत सरकार को किसानों के साथ सीधी बातचीत करनी चाहिए.

आस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में रह रहे भारत देश के सिनीयर सिटीजन ने कृषि अध्यादेशों के ख़िलाफ़ लड़ रहे किसानो का समर्थन किया जिसमें मोहन सिंह कैथल हरियाणा , निर्मल सिंह अमृतसर, हरजीत सिंह राजस्थान,सिखविंदर सिंह कैथल हरियाणा और भी अन्य भारतीयों लोगों ने यहाँ से किसानो के लिए अपना समर्थन व दुआएँ भेजी है। अन्नदाता के समर्थन में उतरे सात समन्दर पार ब्रिसबेन से उन्होंने कहा कि हमारे किसानो की सड़कों पर ये दुर्दशा देखकर दिल और आत्मा को गहरा सदमा लगा है। उन्होंने कहा कि हम सभी अपनी नम: आँखो से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार से प्रार्थना की है कि किसानो की समस्याओं को शान्तिपूर्ण व सम्मान जनक तरीक़े से सुने तथा उनकी जायज़ माँगों को जल्द पूरा किया जाए ।
मोहन सिंह और निर्मल सिंह का कहना है कि इतिहास में व उनके पूरे जीवनकाल में कर्षिप्रधान देश में अन्नदाता की ये दुर्दशा पहली बार देखी है जो की बहुत निंदनीय व अफ़सोसजनक है।

ब्रिसबेन से बोली हरियाणा की बेटी :

आस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में रह रही हरियाणा की बेटी नीतू मालिक सुहाग ने कहा कि, मैं भारत में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे किसानों के इस दमन को देख कर उनके व उनके परिजनों के साथ खड़ी हूं। हर किसी को सरकार समर्थित हिंसा के डर के बिना अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का इस्तेमाल करने की आजादी होनी चाहिए।