किसान आंदोलन को रफा-दफा करना चाहती है मोदी सरकार: किरण

December 31, 2020

किसान आंदोलन को रफा-दफा करना चाहती है मोदी सरकार: किरण

धरनारत किसानों के बीच कितलाना टोल प्लाजा पर पहुंची किरण चौधरी

भिवानी, 31 दिसंबर   रवि पथ :

राज्य विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल की पूर्व नेता व विधायक किरण चौधरी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय दबाव और बदनामी वजह से ही केंद्र सरकार किसानों से बात कर रही है। लेकिन, सरकार चर्चा के बहाने किसानों को थकाने और बरगलाने का प्रयास कर रही है और आंदोलन को रफा-दफा करना चाहती है। उन्होंने कहा कि जब तक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं होंगे, तब तक बात नहीं बनेगी। उन्होंने भाजपा को चेताया कि किसान और मजदूरों की आह से बड़ी से बड़ी कुर्सी हिल जाती है।
बृहस्पतिवार को यहां 20 किलोमीटर दूर कितलाना गांव के टोल टैक्स प्लाजा पर धरनारत किसानों को समर्थन देने के लिए पूर्व कैबिनेट मंत्री किरण चौधरी पहुंची। इस दौरान किसानों को संबोधित करते हुए श्रीमती चौधरी ने केंद्र और राज्य सरकार को खूब खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने हरियाणा के किसानों से पंजाब के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का आह्वान किया और कहा कि यह आंदोलन अब जनता का आंदोलन बन चुका है। पूरे देश का किसान लामबंद हो गया है। जब तक तीनों कानून रद्द नहीं हो जाते, किसान धरने से उठने वाले नहीं हैं।
किरण चौधरी ने केंद्र सरकार की बातचीत की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि सिलेक्ट कमेटी के अंदर कमेटी बनाना चाहती है। इससे कुछ नहीं होने वाला। सरकार पहले कानून रद्द करे, इसके बाद कमेटी बनाए। इस कमेटी में किसानों को शामिल करना चाहिए। सरकार कानूनों को रद्द करने के बजाय किसानों को गुमराह करके आंदोलन को रफा-दफा करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना की आड़ में धक्केशाही से तीन कृषि कानूनों को पास कराया। ये कानून पूंजीपतियों के फायदे के लिए पास कराए गए हैं।
इस मौके पर पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा ने भी किसानों को संबोधित किया। धरने में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमर सिंह हलवासिया, हरिसिंह सांगवान, शीशराम चेयरमैन, कृष्ण लेघां, अजीत फौगाट, शीशराम मेचू, दिलबाग निमडी, बलवान एमसी, परमजीत मड्डू, सतबीर सिरसी, विजय खोरडा, जगदीप सांगवान, ओमप्रकाश देवराला, कालू सेठ, डाक्टर ओमप्रकाश आदमपुर, संजय सोनी, शिव कुमार शर्मा आदि मौजूद रहे।

‘उपवास कर लें या तांडव, भाजपाई पानी नहीं ला सकते’
तोशाम से विधायक किरण चौधरी ने एसवाईएल नहर को लेकर भाजपा पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि लोगों को बरगलाने के लिए भाजपा के लोगों ने उपवास किया। अगर भाजपाइयों को धरना देना था तो प्रधानमंत्री के आवास के बाहर धरना देना चाहिए था। उन्होंने हरियाणवी में कहा कि अब कितणा ए उपवास कर लें या तांडव कर लें। पाणी कौनी आवै। इब यो मुद्दा राजनीति की भेंट चढ़ ग्या भाईयों। इब किम्मे कौनी आवै।
उन्होंने एसवाईएल नहर के पानी के लिए किए गए संघर्ष को सिलसिलेवार तरीके से बताया। उन्होंने खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को प्रधानमंत्री से मिलने का सुझाव दिया था। लेकिन मुख्यमंत्री ने कुछ नहीं किया। वे विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लेकर आईं थीं। लेकिन सरकार ने चर्चा तक करने को तैयार नहीं हुई।

पानी के समान बंटवारे के लिए भरी हुंकार
किरण चौधरी ने राज्य में समान जल बंटवारे के लिए हुंकार भरी और कहा कि हमारी सरकार बनते ही पूरे हरियाणा में पानी का समान बंटवारा होगा। अगर ये नहीं हुआ तो मेरी गर्दन काट लेना। ये बात वे लिख कर देने को भी तैयार हैं। उन्होंने कहा कि पानी का समान बंटवारा बहुत जरूरी है। कांग्रेस ने हांसी-बुटाना नहर बनवाई।