किलोमीटर स्कीम के तहत ओपन टेंडर ने खोली सरकार के घोटाले की पोल : किरमारा
रवि पथ ब्यूरो, चंडीगढ़
राज्य सरकार ने किलोमीटर स्कीम के तहत अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए रोडवेज विभाग में एक बड़ा घोटाला करने की तैयारी की थी। यह बात आज हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के राज्य प्रधान दलबीर किरमारा ने एक बयान जारी कर कही। उन्होंने कहा कि किलोमीटर स्कीम के तहत 190 बसें चलाने को लेकर हुए ओपन टेंडर ने यह घोटाला साबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किलोमीटर स्कीम के तहत 700 बसें चलाने का निर्णय लिया था और इसके तहत 510 बसों के लिए 37 रुपए 10 पैसे प्रति किलोमीटर की दर निर्धारित करके अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने का फैसला लिया। इसका विरोध करते हुए रोडवेज की तालमेल कमेटी ने 18 दिन तक लगातार हड़ताल की। तालमेल कमेटी ने स्पष्ट किया था कि 37 रुपए के रेट प्रदेश के किसी भी पड़ौसी राज्य में नहीं हैं। इन राज्यों में 24, 25 व 26 से अधिक रेट नहीं हैं।
राज्य प्रधान ने कहा कि तालमेल कमेटी के विरोध के बावजूद सरकार की मनमर्जी के चलते उच्चाधिकारियों के आदेश पर महाप्रबंधकों ने 37 रुपए प्रति किलोमीटर की दर का एग्रीमेंट कर लिया था जो कि गलत था। उन्होंने कहा कि तालमेल कमेटी ने इन बसों का टेंडर रद्द करके परिवहन विभाग में रोडवेज की बसें बढ़ाने की मांग की ताकि बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार ने रोडवेज तालमेल कमेटी द्वारा की गई हड़ताल को अवैध करार देते हुए रोडवेज कर्मचारियों पर एस्मा जैसे काले कानून का सहारा लेकर जेलों में डाल दिया गया। उन्होंने कहा कि माननीय हाईकोर्ट के हस्तक्षेप पर हड़ताल खुली। इस दौरान सरकार ने माननीय हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद 190 बसों को लेकर किलोमीटर स्कीम के तहत टेंडर ओपन कर दिए ।
दलबीर किरमारा ने बताया कि ओपन टेंडर में 189 फर्मों ने 900 बसों के लिए टेंंडर भरें तथा टेंडर में 21 रुपए से 26 रुपए तक के रेट भरे गए। इससे साफ है कि वो इस रेट में बसें चलाने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि इससे तालमेल कमेटी की बात सच साबित हो गई और 190 बसों के टेंडर 37 रुपए से कम रेट पर होकर 21 व 26 रुपए प्रति किलोमीटर के आए। इससे लगभग प्रति किलोमीटर 11 से 16 रुपए कम रेट आए।
उन्होंने कहा कि रोडवेज की तालमेल कमेटी की सरकार से मांग है कि परिवहन विभाग के इस बड़े घोटाले के षडय़ंत्र में शामिल उच्चाधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए तथा रोडवेज कर्मचारियों की पर गई कार्यवाही वापस ली जाए। वहीं 700 बसों को किलेमीटर स्कीम के तहत चलाने के फैसले को रद्द किया जाए व रोडवेज के बेड़े में 10 हजार बसें शामिल की जाएं। इससे प्रदेश के करीब 70 हजार युवाओं को रोजगार मिल पाएगा।
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