कर्मयोगी किसान के साथ नाइंसाफी नहीं होने दूंगा- बलराज कुंडू

September 9, 2020

कर्मयोगी किसान के साथ नाइंसाफी नहीं होने दूंगा- बलराज कुंडू

तीन कृषि अध्यादेशों की खिलाफत में किसानों-मजदूरों के आंदोलन और पीपली रैली को खुला समर्थन।

दलबल के साथ पीपली रैली में पहुंचने का किया एलान।

सरकार को दी चेतावनी-कोरोना के बहाने अन्नदाता कर्मयोगी की आवाज़ को दबाने का प्रयास ना करे सरकार।

रोहतक, 9 सिंतबर रवि पथ:

किसान-मजदूर से बड़ा कर्मयोगी दूसरा कोई नहीं है और सरकार इस कर्मयोगी की आवाज को दबाना चाहती है लेकिन मैं सरकार को बता देना चाहता हूं कि वह अपनी गलती में सुधार करे और किसानों और मजदूरों की मांगों को तुरन्त स्वीकारते हुए एमएसपी पर फसल खरीद गारंटी कानून लेकर आये। सरकार 36 बिरादरी के गरीब किसान, मजदूर के साथ मनमानी करने की हरगिज भी गलती ना करें वरना अंजाम ठीक नहीं होगा। यह कहना है महम के निर्दलीय विधायक और किसानों के लिए लगातार आवाज उठा रहे बलराज कुंडू का।
आज शाम को रोहतक में मीडिया कर्मियों से बातचीत में बलराज कुंडू ने कहा कि कोरोना का बहाना लेकर सरकार किसान-मजदूर को आंदोलन और पीपली रैली नहीं करने की सीख दे रही है और दबाव बनाने को ओछे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं लेकिन मैं इस किसान विरोधी खट्टर सरकार से पूछना चाहता हूं कि जब सत्ता पक्ष के लोग रैली जलसे करते हैं तब ये नियम-कायदे कहां चले जाते हैं ? क्या सारे नियम-कायदे सिर्फ किसानों पर ही लागू होते हैं ? सरकार अपनी हरकतों से बाज आये वरना ठीक नहीं होगा। गरीब किसान, मजदूर समेत 36 बिरादरी की आवाज को दबने नहीं दूंगा।
निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने तीनों कृषि अध्यादेशों को किसान-मजदूर को बर्बाद करने वाला बताते हुए कहा कि सरकार को चाहिए कि वह एक चौथा अध्यादेश लेकर आये जिसमे एमएसपी से ऊपर फसल खरीद की गारंटी हो और प्राइवेट पर्चेजर द्वारा खरीदी जाने वाली फसल के मूल्य की गारंटर सरकार बने। अगर, ऐसा नहीं होता है तो ये 3 कृषि अध्यादेश किसानों और गरीब मजदूर को बिलकुल बर्बाद करके रख देंगे। जिसका सीधा असर देश-प्रदेश की तरक्की पर पाडेगा।
निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष को भी आड़े हाथों लिए और कहा कि आज चंडीगढ़ और दिल्ली में बैठकर मीडिया को प्रेस नोट भेजकर बड़ी बड़ी बातें करने वाले ये विपक्ष के नेता विधानसभा सत्र में तो सरकार के साथ चौंच से चौंच लड़ाकर सौदेबाजी करते हैं और बाहर मीडिया में आकर दूसरी भाषा बोलकर किसानों को गुमराह करते हैं।
कुंडू ने कहा कि सदन के अंदर बोलने से परहेज क्यों किया गया विपक्षी नेताओं को इसका जवाब देना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि किसानों के नाम पर विपक्ष के नेता घड़ियाली आंसू बहाकर किसानों को बरगलाने की हरकतें बंद करें और सदन में चुप बैठे रहने और बीएसी की बैठक में सरकार के साथ सौदेबाजी करने के लिए प्रदेश के किसानों से माफी मांगें।
बलराज कुंडू ने सरकार को भी कड़ी चेतावनी देते हुए साफ कहा कि किसानों को पीपली रैली करने से रोकने का प्रयास ना करे वरना परिणाम ठीक नहीं होगा।