डीएसपी की जांच में झूठा निकला पत्रकारों के खिलाफ दर्ज केस, पुलिस ने रद्द किया

November 21, 2020

डीएसपी की जांच में झूठा निकला पत्रकारों के खिलाफ दर्ज केस, पुलिस ने रद्द किया

पत्रकारों की शिकायत पर दर्ज हो चुका है पहले केस दर्ज

फ़तेहाबाद/रतिया रवि पथ :

प्रैस क्लब के प्रधान बलदेव बरेटा व सदस्य अशोक ग्रोवर के खिलाफ सदर पुलिस द्वारा शैलर मालिक की शिकायत पर दर्ज किया गया मारपीट, जान से मारने की धमकी व ब्लैक मेलिंग का केस डीएसपी सुभाष बिश्रोई की जांच में झूठा पाया गया। पुलिस ने मौके पर जांच कर मामले में किसी प्रकार की सच्चाई न मिलने पर केस को रद्द कर दिया। हालांकि इस मामले में दर्ज केस से पहले पै्रस क्लब के प्रधान बलदेव बरेटा ने आरोपियों के खिलाफ खबरों की कवरेज के दौरान गांव बाहमणवाला में पत्रकारों की टीम के साथ रास्ता रोक कर हमला, अपहरण के प्रयास के आरोप में रतिया के शैलर मालिकों के खिलाफ भी पिछलेसप्ताह केस दर्ज करवाय गया था जो कि अभी चल रहा है। पत्रकारों के खिलाफ दर्ज केस को लेकर पत्रकारों का समूह फतेहाबाद में एसपी राजेश कुमार से मिला था। एसपी ने दर्ज मामले में डीएसपी सुभाष बिश्रोई का जांच अधिकारी नियुक्त किया था। पत्रकारों का कहना था कि गांव बाहमणवाला में पत्रकार धान के थैलों की जांच करने आई टीम की कवरेज के लिए गये थे। वहा पर रतिया के शैलर मालिकों ने कवरेज करने से रोका जब वे गाड़ी पर आने लगे तो रास्ता रोक कर मारपीट। जान बचाकर भागे तो रास्ते में गाडिय़ा व बाइक लगाकर पत्रकारों की गाड़ी घेर ली और अपहरण का प्रयास किया। मामले को लेकर पुलिस को शिकायत दी तो पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। लेकिन दर्ज केस को कमजोर करने व समझौते का दबाब बनाकर पत्रकारों पर भी झूठा केस दर्ज कर दिया। केस की जांच कर रद्द करने की मांग की गई। डीएसपी ने मौके पर जाकर मामले की छानबीन की। पुलिस के अनुसार पत्रकारों के खिलाफ दर्ज किये गये केस में न तो सबूत मिले और नहीं कोई सच्चाई सामने आई।

इसी कारण केस को रद्द् करने की शिफारिस की गई। वही प्रदेश के पत्रकारों के संगठन ने इसे सच्चाई की जीत बताया। पत्रकारों ने कहा कि मीडिया के अधिकारों पर हमला किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा। पुलिस पत्रकारों पर हमला करने वालों को सख्ती से निपटे
केस रद्द् कर दिया-थाना प्रभारी
सदर थाना प्रभारी रुपेश चौधरी ने कहा कि पत्रकारों के खिलाफ शैलर मालिक द्वारा दर्ज करवाए गये केस की एसपी राजेश कुमार के आदेश पर डीएसपी सुभाष बिश्रोई ने जांच की। जांच के दौरान दर्ज मामले में सच्चाई नहीं मिली इसी कारण पत्रकारों के खिलाफ दर्ज केस को रद्द् कर उन द्वारा दर्ज करवाए गये केस में कार्रवाई शुरु कर दी है।