आईएएस अधिकारी अशोक खेमका द्वारा अनाज की खरीद आढ़़तियों के माध्यम से होने व कमीशन देने पर सवाल उठाना उचित नहीं- बजरंग गर्ग
14 सितंबर ,रवि पथ :
हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यपार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा की आईएएस अधिकारी अशोक खेमका का यह कहना की हरियाणा सरकार द्वारा आढ़़तियों के माध्यम से अनाज की खरीद करने व सरकार द्वारा करोंड़ों रूपयें आढ़़तियों को कमीशन देने पर जो सवाल उठाया है वह उचित नहीं है। जबकि आढ़ती, किसान व सरकार के बीच मजबूत कड़ी है। जब देश व प्रदेश में राज्य सरकारों ने मार्किट बोर्ड बनाया हुआ है और इसी प्रकार हरियाणा में मार्किट बोर्ड के माध्यम से मंडिया बनाकर करोंड़ों रूपयें के दुकान आढ़तियों ने खरीद कर मंडियों में व्यापार कर रहे हैं अगर आढ़तियों के माध्यम से अनाज की खरीद नहीं होगी तो मंडी में आढ़ती दुकान करके क्या करेगा। आढ़ती फसल खरीद से लेकर अनाज उठाने तक सारे काम करता है जब मंडी में आढ़तियों के माध्यम से फसल की खरीद नहीं होगी तो हरियाणा मार्केट बोर्ड बनाने का कोई औचित्य नहीं रह जाता। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि मंडियों में दुकाने सिर्फ आढ़ती करता है अगर किसान फसल मंडियों में नहीं बेचेगा तो किसान की फसल कैसे बिकेगी जबकि केंद्र व हरियाणा सरकार बार-बार ब्यान दे रहे हैं की किसान की फसल मंडी में आढ़़तियों के माध्यम से ही खरीदी जाऐगी। मंडी पहले की तरह चालू रहेगी ऐसे में अशोक खेमका का यह सवाल करना की फसल मंडी के माध्यम से क्यों बिक रही है। यह ब्यान पूरी तरह किसान व व्यापारियों के हित में नहीं है। इससे तो किसान व आढ़तियों को भारी नुकसान हो जाएगा। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार एक साजिश के तहत किसान व व्यापारियों का आपसी भाईचारा खराब करना चाहती है जो कि किसान व व्यापारियों का सदियों से मजबूत भाईचारा है और जो आगे भी रहेगा। जबकि किसान, व्यापारी व मजदूर मिलकर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं क्योंकि यह तीनों अध्यादेश किसान, आढ़ती व मजदूर विरोधी फरमान है। इन तीनों फरमान से किसान व आढ़तियों को बड़ा भारी नुकसान होगा। सरकार को तुरंत प्रभाव से यह तीन अध्यादेश वापस लेने चाहिए। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने हरियाणा सरकार से अपील है की सरकारी अनाज खरीद एजेंसियों द्वारा आढ़़तियों का लगभग 160 करोड रुपए कमीशन लोस्टर लोस के नाम का जो काटे हुए है वह तुरंत दिया जाए और काफी दिनों की गेहूं खरीद का जो कमीशन बाकी है वह भी रिलीज किया जाए। सरकारी अधिकारियों को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे व्यापारी, किसान व सरकार में टकराव पैदा हो।