कुछ सरमाएदारों के हित में काम कर रही है सरकार : भाकियू अध्यक्ष

April 17, 2021

कुछ सरमाएदारों के हित में काम कर रही है सरकार : भाकियू अध्यक्ष

हरियाणा के उप मुख्यमंत्री के पत्र को सकारात्मक नजरिए से देख रहे हैं किसान

सरकार तो सरकार है, लेकिन किसान भी शहीद हो सकते हैं, पर हटेंगे नहीं

गाजियाबाद, 17 अप्रैल, 20201 रवि पथ :

किसान क्राँति द्वार (यूपी गेट) पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत शनिवार को भारतीय किसान यूनियन की मासिक पंचायत करने पहुँचे। बता दें कि हर माह की 17 तारीख को भाकियू मुख्यालय सिसौली में मासिक पंचायत की जाती है। चौधरी नरेश टिकैत ने बताया कि सिसौली में होने वाली मासिक पंचायत किसान आंदोलन जारी रहने तक गाजीपुर बार्डर पर ही होगी। चौधरी टिकैत ने यहां पहुंचकर सबसे पहले किसानों की शहादत की यादगार ” अमर ज्योति ” पर जाकर देशी घी चढ़ाकर मत्था टेका और फिर अपने पिता और भाकियू के संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की तस्वीर को नमन करते हुए आशीर्वाद लिया।
भाकियू अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली में बैठी सरकार कुछ सरमायेदारों के हित में काम कर रही है और इसी के फेर में किसानों से सौतेला व्यवहार कर रही है। यदि ऐसा ना होता तो पाँच माह तक इस देश के किसान सड़कों पर न पड़े रहते। इतना लंबा समय हो गया है, अब तक कुछ ना कुछ सुनवाई होनी चाहिए थी। किसान दिल्ली के चारों तरफ आंदोलनरत हैं यहां तक कि उपवास पर रह कर अपनी बात पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं। किसान
अपनी मांग के लिए बार-बार सरकार को आवाज दे रहा है, लेकिन सरकार एक कॉल की दूरी का शिगूफा छोड़कर चुनावों में व्यस्त हो गई। 15 अप्रैल को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला के द्वारा देश के प्रधानमंत्री को किसानों के हित में लिखे गए पत्र की सराहना करते हुए कहा कि, ईश्वर करे इस पत्र का सकारात्मक नतीजा निकले। अगर सरकार की कोई मजबूरी है तो हमें बताने का कष्ट करें, हो सकता है उस समस्या का समाधान हमारे पास ही हो, लेकिन चुप बैठ कर सरकार अपना मजाक बनवा रही है।


सरकार ऑपरेशन क्लीन चलाने वाली है? इस सवाल पर नरेश टिकैत ने कहा वह सरकार है, और सरकार शक्तिशाली होती है, लेकिन वे यह भी याद रक्खें, उनके हाथ में ताकत है वह जब चाहे कुचल दे, लेकिन यह ना भूलें कि यह ताकत सरकार को इसी किसान ने दी है। वोट देते वक्त किसानों ने फूल ही फूल देखा, आज हमें वह कांटे चुभा रहे हैं। इस सरकार ने बल प्रयोग कर न जाने कितने आंदोलन कुचल दिए। न जाने कितने संगठनों को ठिकाने लगा दिया। न जाने कितनी पार्टियों को किनारे कर दिया, लेकिन यह किसान ही है, जो यहां आकर बैठा है और बैठा रहेगा। किसान शहीद हो सकते हैं पर हटेंगे नहीं। सरकार से अपनी बात मनवा कर ही लौटेंगे। किसानों को सरकार इस दृष्टि से क्यों देख रही है, यह समझ में नहीं आ रहा। संयुक्त किसान मोर्चा में देश भर के सदस्य मौजूद हैं आंदोलन के मद्देनजर हर फैसला पूरे देश के किसान मिलकर लेते हैं। यूपी गेट तो क्या, पूरे देश में किसी भी प्रदेश में किसानों के साथ दुर्व्यवहार किया गया तो इस देश में क्राँति आ जाएगी। किसान हरियाणा के उप मुख्यमंत्री द्वारा लिखे गए पत्र को सकारात्मक नजरिए से देख रहे हैं।