गौवंश संरक्षण और संवर्धन धर्म का विषय नहीं, बल्कि संपूर्ण जीवन विज्ञान है : डॉ. वल्लभभाई कथीरिया

October 23, 2020

गौवंश संरक्षण और संवर्धन धर्म का विषय नहीं, बल्कि संपूर्ण जीवन विज्ञान है : डॉ. वल्लभभाई कथीरिया

हिसार, 23 अक्टूबर रवि पथ :

राष्टï्रीय कामधेनु आयोग के अध्यक्ष डॉ. वल्लभभाई कथीरिया ने कहा कि गौवंश के संरक्षण और संवर्धन को लेकर चलाए गए राष्टï्रव्यापी अभियान में वैज्ञानिक दृष्टिïकोण अपनाए जाने की आवश्यक्ता है। उन्होंने कहा कि हमारे वेद पुराणों में निहित गौवंश का महत्व केवल धर्म या आस्था का विषय नहीं, बल्कि यह एक संपूर्ण जीवन विज्ञान है। आधुनिक विज्ञान ने भी इस बात पर अपनी मोहर लगाई है।
हिसार के अपने तीन दिवसीय दौरे के दूसरे दिन प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने यह बात कही। इस अवसर पर उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने डॉ. वल्लभभाई कथीरिया को भरोसा दिलाया कि जिला में गौवंश संरक्षण और संवर्धन के कार्य में और अधिक गति लाई जाएगी। पुलिस अधीक्षक बलवान सिंह राणा ने कहा कि पुलिस की ओर से चोरी-छिपे होने वाली गौवंश तस्करी को कड़ा अभियान चलाकर समाप्त किया जाएगा।
अधिकारियों को संबोधित करते हुए डॉ. वल्लभभाई कथीरिया ने कहा कि दुनिया के बहुत से ऐसे विकसित देश हैं, जहां पशुपालन का व्यवसाय बड़े स्तर पर किया जाता है। ऐसे देशों में वहां की कुल जनसंख्या से ज्यादा पशुधन है। दुनियाभर में हुई शोध यह बताती है कि गौवंश से मिलने वाले दूध व अन्य पदार्थ अनमोल हैं। न्यूजीलैंड जैसे देशों ने अपनी शोध में पाया है कि भारतीय नस्ल की गायों से मिलने वाला ए-2 दूध इंसान के लिए सर्वोत्तम है, इसलिए उन्होंने अपने यहां भी भारतीय नस्ल की गायों के पालन को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि भारत में गाय के गोबर से घरों में दीवारों और आंगन की पुताई होती थी। इसके पीछे भी एक बड़ा विज्ञान है। रूस की सेना अपने सैनिकों के बकंर बनाने के कार्य में गोबर का उपयोग काफी अरसे से करती आ रही है क्योंकि यह रेडिएसन को रोकने में काफी हद तक कारगर है। भारत में भी इस प्रकार की पहल किए जाने की आवश्यक्ता है। गौवंश से प्राप्त उत्पादों का ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने की कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है। ऐसा होने पर तेल आयात पर होने वाले खर्च में काफी कमी आएगी।


डॉ. वल्लभभाई कथीरिया ने कहा कि जल्द ही देश के विभिन्न राज्यों में गौ-विज्ञान परिक्षाओं को आयोजन किया जाएगा। इस प्रकार की गतिविधियों को पाठ्य क्रम में शामिल कर भारत में भी गौवंश के लिए वैज्ञानिक दृष्टिïकोण तैयार किया जाएगा। राष्टï्रीय कामधेनू आयोग ने त्योहारों के दौरान गाय के गोबर आधारित उत्पादों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए एक देशव्यापी अभियान शुरू किया है। अभियान के तहत महिला समूहों को स्वावलंबी बनाने के लिए गोबर आधारित उत्पाद बनाए जा रहे हैं। वर्तमान में इको-फ्रेंडली गोमय दीपक, गोमय गणेश तथा कामधेनु दीपावली बनाए जा रहे हैं। इनसे महिला समूहों की आय में वृद्घि हुई है। इसी प्रकार से नस्ल सुधार कार्यक्रम, गोबर गैस प्लांट, केचुंआ खाद प्लांट, मिट्टïी-पानी जांच प्रयोगशाला, दवा निर्माण कार्य, सांैदर्य प्रसाधन, गोबर से बनाई जा रही मुर्तियों तथा दीये इत्यादि के कार्यों से गौशालाओं और पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।
इस अवसर पर हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण गर्ग ने गौ सेवा आयोग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आयोग के माध्यम से हरियाणा में सभी 22 जिलों में गोबर गैस प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। 50 गौशालाओं में पंचगव्य तथा दीपावली पर इस्तेमाल होने वाले विभिन्न उत्पाद बनाए जा रहे हैं। इस संबंध में विभिन्न जिलों में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किये जा रहे हैं। बैठक के उपरांत डॉ. वल्लभभाई कथीरिया ने नगर निगम द्वारा संचालित नंदी गौशाला, राजकीय पशुधन फॉर्म, श्री कृष्ण गौशाला एवं अनुसंधान केंद्र काबरेल का भी दौरा किया और वहां चल रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी ली।
इस अवसर वाईस चेयरमैन विद्यासागर बाघला, सचिव डॉ. कल्याण सिंह, एसडीएम अश्चीर नैन, सीईओ डीआरडीए शालिनी चेतल, सीटीएम राजेंद्र कुमार, ज्वायंट कमीश्रर बैलिना, डीएसपी राजबीर सैनी, भाजपा महामंत्री आशा रानी खेदड़, गौ सेवा आयोग के जिला प्रभारी डॉ. राज सैनी, सदस्य कुलबीर खर्ब सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।