गैर कानूनी है मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल: विकास सातरोड़

August 3, 2020

गैर कानूनी है मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल: विकास सातरोड़

हिसार 3 जुलाई रवि पथ :

भारतीय किसान यूनियन हरियाणा हिसार मीडिया प्रभारी विकास सातरोड़ ने बताया कि भाकियू कार्यकर्ता राकेश बैंस द्वारा मेरी फसल मेरे ब्योरे के संबंध में दो आवेदनों के तहत हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड से 17 जानकारियां मांगी गई थी जोकि प्रदेश के किसानों के लिए बड़ी ही महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 25.12.18 को मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल लांच किया था जिससे मनोहर सरकार ने अपनी बड़ी उपलब्धि के रूप में गिनया था जिसका उद्देश्य किसानो से फसल की पूरी जानकारी लेकर मंडी में फसल बेचने में आ रही किसानो को दिक्कतों को दूर करना व फसलों की सुचारु रूप से खरीद करने में मदद मिल सके परंतु अब मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल ही किसानो के लिए जी का जंजाल बन गया है।

पिछले दिनो किसानों को अपनी फसल पोर्टल पर दर्ज करवाने को लेकर आई परेशानी को देखते हुए उन्होंने विभाग से कई जानकरियां मांगी तब मिली जानकारी में कई खुलासे हुए जोकि हैरान कर देने वाले थे। विकास सातरोड़ ने बताया उन्होंने हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड से जानकारी मांगी थी इस पोर्टल को किस कानून की किस धारा के तहत बनाया व लागू किया गया। इस बोर्ड का जबाब मेरी फसल मेरा ब्योरा को किसी कानूनी धारा के तहत बनाया या लागू नही किया गया।

जब बोर्ड से किस किस फसल के लिए कब कब खोला जाता है कब कब बंद किया जाता है, इसकी समय सारणी व तालिका की जानकारी मांगी तब बोर्ड ने बताया की मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल को कृषि विभाग की सलाह पर खोला व बंद किया जाता है यानि कोई समय सारणी व तालिका नहीं है।

बोर्ड से इसके संगठनीय ढांचे की जानकारी मांगी गई तो बोर्ड ने बताया की इस पोर्टल के संगठनीय ढांचे व रूपरेखा की कोई लिखित जानकारी इस विभाग के पास नही हैं।

बोर्ड से जानकारी मांगी गई की यदि अकुशल किसान किसी भी कारण से पोर्टल पर अपनी फसल का ब्योरा दर्ज नहीं करवा पाया तब वह अपनी फसल मंडी बेच सकता है या नहीं बेच सकता है तो किस प्रकार बेच सकता है जिसके जबाब में बोर्ड ने बताया की पोर्टल पर दर्ज नहीं होने के उपरांत किसान अपनी फसल को सरकारी खरीद में नहीं बेच सकता है लेकिन किसान अपनी फसल को निजी खरीददार को मंडी में बेच सकता है जोकि सीधे सीधे किसानों की फसल को एम.एस.पी. पर बिकने से रोकता है या ये कहें की गलती किसी की भी हो यदि पोर्टल पर किसान का फसल का विवरण दर्ज नहीं है उस हालत में किसान को एम.एस.पी. से वंचित रहना होगा।

एक सवाल के जबाब में बोर्ड ने जानकारी दी की किसान को मेरी फसल मेरा ब्योरा के पोर्टल पर दर्ज विवरण का कोई भी दस्तावेज किसान को बोर्ड की तरफ से जारी नहीं किया जाता तब किसान किस प्रकार अपने विवरण को बता पाएगा की उसका ब्योरा दर्ज था यह अति गंभीर है।

विकास सातरोड़ ने जानकारी देते हुए बताया की जब बोर्ड से किसानों की शिकायतो के समाधान के लिए बनाए गए शिकायत केन्द्रो की जानकारी मांगी तब बोर्ड ने बताया कि रबी सीजन 2020 की खरीद प्रक्रिया गेंहू और सरसों की खरीद के लिए टोल फ्री नंबर 1800-180-2060 के माध्यम से अपनी शिकायत ठीक करवा सकेंगे जोकि कोरोना काल के लिए बनाया गया था। मंडियो में कोई शिकायत केंद्र या किसान की समस्या के समाधान की जानकारी नहीं दी।विकास ने बताया की बोर्ड से जानकारी मांगी गई इस पोर्टल पर विवरण दर्ज करने की जिम्मेदारी किसकी है तब बोर्ड ने बताया की किसान की जिसको सरकार ने अकुशल माना हुआ है अकुशल व्यक्ति किस प्रकार सही जानकारी दर्ज करवा पाएगा यह समझ से परे है।

विकास सातरोड़ ने कहा हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड से आई सभी जानकारियों से यह स्पष्ट हो गया है कि मेरी फसल मेरा ब्योरा किसानों के हितों के लिए नहीं बल्कि किसानों को फसल के (MSP) एम.एस.पी. से दूर रखने के लिए बनाया गया है। बीजेपी सरकार ने किसानों को जो उद्देश्य दिखाकर पोर्टल लागू किया गया था उससे उलट है। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान यूनियन इस पोर्टल के संबंध में कृषि विचारों से संबधित वकीलों से विचार विमर्श कर इस पोर्टल को मंडियों से हटाने के लिए जल्द ही हाईकोर्ट का दरवाजा खटगाएगी ।