किसान फसल को उजाड़े नहीं बल्कि तैयार करके अपने अपने गांव में गरीबों को फ्री में बांटे अनाज : अनिल नांदल

February 22, 2021

किसान फसल को उजाड़े नहीं बल्कि तैयार करके अपने अपने गांव में गरीबों को फ्री में बांटे अनाज : अनिल नांदल

भारतीय किसान यूनियन अंबावता प्रदेशाध्यक्ष बोले, किसान का काम देश के लोगों का पेट भरना, सरकार को न बेचे अनाज

तीन कृषि कानून वापिस व एमएसएपी पर कानून नहीं बनने तक आंदोलन रहेगा जारी, किसान नहीं करेगे घर वापसी

रोहतक, 22 फरवरी रवि पथ :

भारतीय किसान यूनियन अंबावता के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल उर्फ बल्लू प्रधान ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी खड़ी फसल को नष्ट ना करे, बल्कि तैयार करके अपने अपने गांव में गरीबों को फ्री में अनाज दे और सरकार को अनाज बेचना बंद कर दे। उन्होंने कहा कि किसान का काम देश के लोगों का पेट भरना हैे, लेकिन बडे दुर्भाग्य की बात है कि जो किसान खेतों में दिनरात मेहनत अन्नपैदा कर देश का पेट भरता है, वहीं गत तीन महीने से अपने हकों के लिए सडक़ों पर रात गुजारने पर मजबूर है और सरकार आंखे बंद कर किसान की बदहाली का तमाशा दे रही है। अनिल नांदल ने साफ साफ कहा कि जब तक केन्द्र सरकार तीन काले कानूनों को वापिस नहीं लेती और एमएसएपी पर गारंटी कानून नहीं बनाती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा और किसान घर वापसी नहीं करेंगे। सोमवार को यहां जारी बयान में भाकियू अंबावता के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पूरे प्रदेश में अलग अलग जगहों पर किसान अपनी खड़ी फसलों को नष्ट  करने लगे है, जोकि ठीक नहीं है।

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को मजबूत करने के लिए फसलों को नष्ट करना सही नहीं है, बल्कि समय पर तैयार करके जरूरतमंद अपने मजदूर भाइयों के लिए दे देना सही है, क्योंकि फसल नष्ट करने से सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ेगा बल्कि गांव के मजदूरों के लिए यह मुसीबत पैदा करेगा। बल्लू प्रधान ने कहा कि किसान का काम पेट भरना है ना की किसी के पेट से रोटी छीनना। उन्होंने कहा किसान आंदोलन को मजबूत करने के लिए अपना पैदा किया हुआ अनाज सरकार को नहीं बेचना, तभी सरकार को अनाज की कीमत समझ में आएगी। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं करती और एम एस पी पर कानून नहीं बनाती है।