लीवर एवं पेट रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अभिमन्यु नेहरा के प्रयास से चूड़ामणि अस्पताल में मात्र 1 ग्राम खून वाले मरीज की बचाई जान

July 5, 2020

लीवर एवं पेट रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अभिमन्यु नेहरा के प्रयास से चूड़ामणि अस्पताल में मात्र 1 ग्राम खून वाले मरीज की बचाई जान

हिसार रवि पथ  ब्यूरो

संसार में डॉक्टरों को भगवान के समान दर्जा दिया जाता है। यह बात तब सिद्ध हो जाती है जब कोई डॉक्टर अथक प्रयास से किसी मरीज की जान बचा लेता है। ऐसी ही एक खास उपलब्धि चूड़ामणि अस्पताल के डॉक्टर अभिमन्यु नेहरा के प्रयास से सामने आई है। हिसार के कैंप चौक स्थित चूड़ामणि अस्पताल में डॉक्टर अभिमन्यु नेहरा के अथक प्रयास और सूझबूझ के कारण मात्र 1 ग्राम खून वाले मरीज की जान को बचा लिया गया।

चूड़ामणि अस्पताल में 1 ग्राम खून वाले मरीज को चिकित्सकों ने अपने प्रयास से बचाया यह बात क्षेत्र में भी चर्चा का विषय बनी हुई है। लीवर एवं एवं पेट के विशेषज्ञ डॉ अभिमन्यु नेहरा ने जानकारी देते हुए बताया कि सिरसा के गांव उमदपुरा के रहने वाले नंदलाल के पुत्र मनजीत सिंह को 16 मार्च 2020 को पेट में बहुत दर्द हुआ और उसके बाद खून की उल्टी व दस्त लग गए। मनजीत को राजगढ़ के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहाँ उसे कोई आराम नही आया तो परिजनों ने उसे वहां से सिरसा के प्राइवेट अस्पताल ले गए। वहां पर भी उपचार से ब्लीडिंग रोकने की कोशिश की गई लेकिन कामयाबी नहीं मिल पाई। उसके बाद परिजनों को चूड़ामणि अस्पताल हिसार के बारे में जानकारी मिली और मरीज को हिसार चूड़ामणि अस्पताल लाया गया। अस्पताल पहुंचते ही डॉ अभिमन्यु नेहरा ने मनजीत की जांच की और लाया की उसकी आंत फटने से खून की उल्टी व दस्त हुए हैं। चूड़ामणि अस्पताल की टीम डॉ अभिमन्यु नेहरा एवं डॉ अमित दांगी के प्रयास से मात्र 1 ग्राम खून होते हुए मरीज की जान को बचा लिया गया। डॉ अमित दांगी ने रात को ही ऑपरेशन किया तो पाया कि आंत अंदर बहुत बड़ा घाव है जिसका सफल इलाज किया। मरीज को ऑपरेशन के 4 दिन बाद तक वेल्टीनेटर पर रखा गया तथा 5 दिन बाद छुट्टी दी गई। अब वह मरीज बिल्कुल स्वस्थ है।

चूड़ामणि मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर अभिमन्यु ने बताया कि मनजीत को जब हस्पताल आया गया था तो हालात बहुत अधिक खराब थी। उस वक्त उसका ब्लड सिर्फ 1 ग्राम पाया गया। ऐसी स्थिति में ऑपरेशन करना काफी मुश्किल था मगर मरीज की जान को बचाने के लिए यह रिस्क उठाना ही पड़ा। डॉ अभिमन्यु नेहरा की सूझबूझ और डॉक्टर अमित दांगी के प्रयास से मरीज के मात्र 1 ग्राम खून होने के बावजूद भी उसका सफल ऑपरेशन करके उसकी जान को बचा लिया गया। चूड़ामणि अस्पताल की यह एक बड़ी उपलब्धि है।