शहीद किसान की धर्मपत्नी को बनाया धर्मबहन, परिवार को दी 2 लाख की आर्थिक मदद। तीनों बेटियों की पढ़ाई-लिखाई का जिम्मा मेरा- बलराज कुंडू

December 13, 2020

शहीद किसान की धर्मपत्नी को बनाया धर्मबहन, परिवार को दी 2 लाख की आर्थिक मदद। तीनों बेटियों की पढ़ाई-लिखाई का जिम्मा मेरा- बलराज कुंडू

 कुंडू ने किसान आंदोलन में शहीद होने वाले बरोदा सोनीपत, उझाना जींद और छान हिसार वासी किसानों के परिवारों को बंधाया ढांढस, घोषणा के मुताबिक 2-2 लाख की आर्थिक मदद दी

चंडीगढ़, 13 दिसम्बर रवि पथ  :

महम विधायक बलराज कुंडू किसान आंदोलन में शहीद हुए
हरियाणा के विभिन्न जिलों के किसान परिवारों का ढाढ़स बंधाया और अपनी घोषणा के मुताबिक सभी आश्रित किसान परिवारों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी।
बलराज कुंडू सबसे पहले आज सोनीपत के
बरोदा गांव वासी दिवंगत किसान अजय कुमार के घर शोकाकुल परिवार को ढ़ांढ़स बंधाने पहुँचे। परिवारजनों से मुलाकात कर उनका दुःख-दर्द सांझा किया और शहीद किसान अजय कुमार के परिवार को अपनी तरफ से 2 लाख रूपये की राशी आर्थिक मदद के तौर पर दी। शहीद अजय की पत्नी भावना उर्फ सपना को अपनी धर्म बहन बनाते हुए बलराज कुंडू ने कहा कि उनकी तीनों नन्हीं बेटियों पुरवी, परी और वंशू की पढ़ाई-लिखाई का सारा खर्चा वे खुद उठाएंगे। अजय का बलिदान व्यर्थ नही जायेगा, जब-जब धरती पुत्र किसान ने बलिदान दिया हैं, तब-तब एक नया इतिहास बना है। अजय का नाम सदियों तक सम्मान के साथ याद रहेगा।
इसके पश्चात बलराज कुंडू जींद के उझाना गांव वासी किताब सिंह के घर शोक संतप्त परिवार को ढांढस बढ़ाने पहुँचे। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की और अपनी घोषणा मुताबिक परिवार को 2 लाख की आर्थिक मदद की। परिवारजनों को ढ़ांढ़स बंधाते हुए कहा कि केवल परिवार ही नही बल्कि पूरी किसान कौम ने अपना एक और बहादुर साथी खोया है, जिनके जीवन का त्याग व्यर्थ नही जायेगा।


बाद में बलराज कुंडू किसान आंदोलन के बलिदानी हिसार के छान गांव निवासी राममेहर सिंह के घर शोक व्यक्त करने पहुँचे। परिवारजनों से मुलाकात कर शहीद किसान राममेहर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए आर्थिक मदद के तौर पर उनके परिजनों को 2 लाख रूपये की सहायता राशी प्रदान की। बलराज कुंडू ने शहीद राममेहर की धर्मपत्नी उषा देवी, बेटे अभिषेक और बेटी मोनिका से बातचीत कर ढाढ़स बढ़ाया और राममेहर के बलिदान को कुर्बानी की एक ऐसी मिसाल बताया जिसे सदियों तक सम्मान के साथ याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान को उसका पूरा हक व अधिकार दिलवाने के आंदोलन में राममेहर सिंह ने अपना सर्वस्व न्यौछावर करते हुए सवर्ण अक्षरों में अपना नाम दर्ज कराया है जिससे आने वाली पीढियां आदर सहित प्रेरणा लेंगी।