कुरुक्षेत्र से 5000 गाड़ियों व मोटरसाइकल के क़ाफ़िले के साथ किसानो ने किया दिल्ली कूच।

August 15, 2021

कुरुक्षेत्र से 5000 गाड़ियों व मोटरसाइकल के क़ाफ़िले के साथ किसानो ने किया दिल्ली कूच।

कुरुक्षेत्र ने फूंकी आंदोलन में एक बार फिर नई जान:-गुरनाम सिंह चढूनी

कुरुक्षेत्र 15 अगस्त रवि पथ :

पिपली अनाज मंडी से 5000 गाड़ियों व मोटरसाइकलो पर तिरंगे लगाकर किसानों द्वारा भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के नेत्रत्व में तिरंगा यात्रा निकालकर दिल्ली की और कूच किया और आंदोलन को मज़बूत किया।सुबह सुबह भारी संख्या में ज़िले के कौने कौने से हज़ारों की संख्या में किसान क़ाफ़िले बनाकर गाड़ियों व मोटरसाइकल पर तिरंगे लगाकर पहुँचे ।सबसे पहले आज की यात्रा का शुभ आरम्भ शहीद ऊधम सिंह जी के स्मारक शाहबाद मे माल्यर्पण करने उपरांत 9 बजे भा०कि०यू० अध्यक्ष द्वारा स्वतंत्रता दिवस की बधाई देने उपरांत राष्ट्र्गान गाकर ध्वजारोहण किया गया उसके बाद पिपली में जहाँ पर किसानो पर 10 सितम्बर को लाठीचार्ज हुआ था और किसान आंदोलन की नीव रखी गई थी वहाँ पर गुरनाम चढ़ूनी द्वारा किसान क्रांति चोंक का शिलान्यास किया गया। तिरंगा यात्रा का नेत्रत्व करते हुए गुरनाम चढूनी ने कहा की राष्ट्रध्वज तिरंगा हमारी आन बान और शान है जिस तिरंगे की छाँव में देश के 150 करोड़ लोग अमन चैन व भाईचारे से रहते है और गर्व महसूस करते है चढूनी ने कहा की हमने अंग्रेजो से तो 15 अगस्त 1947 से आज़ादी प्राप्त कर ली थी लेकिन इन काले कृषि क़ानूनो से कमेरा वर्ग दोबारा आर्थिक रूप से ग़ुलाम होने जा रहा है और ये किसान आंदोलन किसानो का उनकी आर्थिक आज़ादी के लिए बजाय गया बिगुल है।राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा की भाजपा तिरंगा यात्रा की आड़ में लोगों में घुसना चाह रही है जबकि आरएसएस की विचारधारा से चलने वाली इस पार्टी को तिरंगे के सम्मान से कोई मतलब नही है और आर॰एस॰एस॰ ने तो 52 वर्ष तक अपने मुख्यालय पर तिरंगा नहीं फहराया और भाजपा नेता तमाम विभागों के कच्चे कर्मचारियों को बुलाकर तिरंगा यात्रा के लिए भीड़ जुटा रहे है वहीं दूसरी और किसानो ने आज हज़ारों की संख्या में शामिल होकर एक बार फिर दिखा दिया कि किसान समाज इन 3 काले क़ानूनों के ख़िलाफ़ है व दिलो जान से तिरंगे सम्मान करता है। गोरतलब है कि कृषि क़ानूनों की वापसी व एम॰एस॰पी॰ की क़ानूनी गारंटी के लिए देश भर के किसान 25 नवंबर से दिल्ली के बॉर्डरो पर डेरा डाले हुए है,लेकिन केंद्र सरकार ने किसानो की जायज़ माँगो को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई है वहीं किसान भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। इसी कड़ी में आंदोलन को मज़बूत करने के लिए कुरुक्षेत्र ज़िला से किसानो द्वारा विशाल तिरंगा यात्रा लेकर दिल्ली कूच किया गया है।
..भा०कि०यू० के मीडिया प्रभारी राकेश बैंस ने कहा की किसान आंदोलन सरकार के गले की फाँस बन गया है 650 से ज़्यादा शहादते हो चुकी है लेकिन समझ से बाहर है कि केंद्र की मोदी सरकार किस अहंकार में चूर है जो किसानो की बात नहीं मान रही वहीं वरिष्ठ किसान नेता जसबीर मामूमाजरा में कहा की आंदोलन काले कृषि क़ानूनों की वापसी व एम॰एस॰पी॰ की लिखित क़ानूनों गारंटी मिलने के बाद ही ख़त्म होगा अगर सरकार किसी वहम में है तो वहम से बाहर आ जाए और अन्नदाता की आवाज़ सुने।
ज़िला प्रधान कृष्ण कलाल माजरा ने तिरंगा यात्रा में शामिल सभी किसान मज़दूर साथियों का धन्यवाद किया और कुरुक्षेत्र को क्रांतिकारी धरती बताते हुए कहा की महाभारत में बाद ये दूसरा धर्मयुद्ध है जो कुरुक्षेत्र से शुरू हुआ था और आज फिर कुरुक्षेत्र ने इसे मज़बूत करने का काम किया है और इस धर्मयुद्ध में जीत किसानो की ही होगी।