दलित व पिछड़े बच्चों के जीवन में कबीर छात्रावास जैसी संस्थाएं निभा रहीं अहम भूमिका: गंगवा

August 16, 2020

दलित व पिछड़े बच्चों के जीवन में कबीर छात्रावास जैसी संस्थाएं निभा रहीं अहम भूमिका: गंगवा
डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने किया संत कबीर छात्रावास में भोजनालय का शिलान्यास
संत कबीर शिक्षा समिति धानक समाज ने सम्मान समारोह में किया डिप्टी स्पीकर का अभिनंदन
डिप्टी स्पीकर ने छात्रावास को 11 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की

हिसार, 16 अगस्त रवि पथ :


संत कबीर छात्रावास जैसी संस्थाएं समाज के दलित व पिछड़े परिवारों के ऐसे बच्चों को जीवन में आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही हैं जो शिक्षा प्राप्ति के लिए शहर आते हैं और आर्थिक अभावों के चलते भारी-भरकम खर्च करने में सक्षम नहीं होते हैं।
यह बात हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा ने आज राजगढ़ रोड स्थित संत कबीर छात्रावास में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर उन्होंने छात्रावास में भोजनालय का शिलान्यास किया और अपने कोष से 11 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की। संत कबीर शिक्षा समिति धानक समाज के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व चेयरमैन सतबीर वर्मा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति के प्रधान रोशनलाल ने की। समाज के प्रतिनिधियों ने मुख्यातिथि रणबीर गंगवा को पगड़ी पहनाकर व स्मृति चिह्न भेंट कर उनका मान-सम्मान किया।


डिप्टी स्पीकर ने कहा कि यह छात्रावास दलित, वंचित व पिछड़े वर्ग के बच्चों के लिए काफी अहम है। इस हाॅस्टल में रहकर पढ़ाई करने वाले दर्जनों विद्यार्थी सरकारी विभागों में चतुर्थ श्रेणी से क्लास-2 तक के पदों पर कार्य कर रहे हैं। इस प्रकार की संस्थाएं 36 बिरादरी के बच्चों के काम आती हैं, इसलिए हर व्यक्ति को इन संस्थाओं की मदद करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में दलित व पिछड़ा वर्ग के बच्चे अपनी मेहनत से आगे बढ़ रहे हैं। सरकारी की पारदर्शी भर्ती नीति का लाभ उठाकर प्रतिभाशाली बच्चे सरकारी सेवाओं में आ रहे हैं। मेरिट के आधार पर नौकरियां मिलनी शुरू होने के बाद सबसे अधिक लाभ वंचित व पिछड़ा वर्ग के बच्चों को मिला है, क्योंकि पूर्व की सरकारों में नौकरियां पैसे व सिफारिश से मिलती थीं जो इस वर्ग के पास न के बराबर थी। सरकार ने ऐसे परिवारों के बच्चों को 5 अतिरिक्त अंक देने की भी नीति बनाई है जिनके परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी में नहीं है।


उन्होंने कहा कि सरकार की सोच अंत्योदय की है ताकि समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंच सके। उन्होंने बताया कि हाल ही में प्रदेश सरकार ने एक और बड़ा निर्णय लिया है। इसके तहत सरकार ने पिछड़ा वर्ग-ए के लिए पंचायत में सरपंच पद आरक्षित करने का निर्णय लिया है। इससे पता चलता है कि सरकार की सोच दलित व पिछड़ा वर्ग के लिए काफी अहम है।
उन्होंने कहा कि वंचित, दलित व पिछड़ा वर्ग संत कबीर की शिक्षाओं का अनुपालन करे और अपने बच्चों को शिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित करे। दलित व पिछड़े वर्ग ने हमेशा मेरा साथ दिया है और मेरे हर चुनाव को अपना चुनाव मानकर मेहनत की है। इस वर्ग का अहसान मैं कभी नहीं चुका सकता हूं। उन्होंने कहा कि इस वर्ग की आवाज मैं हमेशा सरकार में उठाता हूं और भविष्य में भी हर प्रकार की मदद करने के लिए तत्पर रहूंगा।


इस अवसर पर समिति के पूर्व प्रधान रोशनलाल खुंडिया, रतन कुमार बड़गुज्जर, अतर सिंह सुरलिया, कैप्टन तुलराम दढ़ान, विजेंद्र सभ्रवाल, राजेश मुढ़ई, एलसी चैधरी, वाल्मीकि समाज प्रधान बलराज, सेन समाज से राजकुमार भट्टी, देशराज कंबोज, पार्षद डाॅ. उमेद खन्ना, पिंकी देवी, कृष्णा दुग्गल, तारा सिंह तुरकिया, राजकुमार इंदौरा, एसई एसपी पनिहार, इंद्राज भारती व सज्जन सिंह ढोकवाल सहित बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।