दाखिला प्रक्रिया में सबजेक्ट कंबीनेशन को लेकर आरक्षण नियमों की हो रही है अनदेखी-एडवोकेट खोवाल

September 17, 2021

दाखिला प्रक्रिया में सबजेक्ट कंबीनेशन को लेकर आरक्षण नियमों की हो रही है अनदेखी-एडवोकेट खोवाल

स्नातक प्रथम वर्ष के दाखिले में आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों को नहीं मिल रहे पसंद के विषय संयोजन

हिसार, 17 सितंबर  रवि पथ :

उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से स्नातक प्रथम वर्ष के दाखिले में मेरिट लिस्ट में शामिल विद्यार्थियों के समक्ष सबजेक्ट कंबीनेशन को लेकर आ रही परेशानी को लेकर आरक्षित वर्ग से संबंधित विद्यार्थियों ने गहरा रोष जताया है। इस मुद्दे को लेकर कई विद्यार्थियों ने हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट के प्रदेश चेयरमैन एवं वरिष्ठ अधिवक्ता एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल से मुलाकात की और इस मामले में आवश्यक कानूनी कदम उठाने का आग्रह किया।
एडवोकेट खोवाल ने बताया कि उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से विभिन्न कॉलेजों में अलग अलग विषयों के संयोजन (सबजेक्ट कंबीनेशन) निर्धारित किए गए हैं और इनके लिए अलग अलग सीटें भी निश्चित की गई है। लेकिन विभाग की ओर से आबंटित सीटों में किसी प्रकार के आरक्षण का प्रावधान नहीं किया गया है। इससे आरक्षित वर्ग के अधिकतर विद्यार्थियों को आवेदन फार्म में चुने गए विषय संयोजन नहीं मिल पाए। ये सबजेक्ट कंपीनेशन केवल उच्च मेरिट पाने वाले विद्यार्थियों को ही मिले हैं और यह उच्च मेरिट ऑल इंडिया कैटेगरी तथा सामान्य कैटेगरी के विद्यार्थियों की है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी कॉलेज में भूगोल-गणित विषय के संयोजन के लिए 15 सीटें निर्धारित है। ये सीटें मैरिट के आधार पर विद्यार्थियों को अलाट कर दी जाती है। ऐसे में आरक्षित वर्ग के अधिकतर विद्यार्थियों को कोई सीट नहीं मिल पाती। विभाग की ओर से इस तरह की लिस्ट में किसी प्रकार के आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया गया। ऐसे में एससी, बीसी, विकलांग, पूर्व सैनिक व आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग सहित अन्य आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों को इन विषयों के संयोजनों में उनके द्वारा इच्छित विषय प्राप्त नहीं हुए हैं और वे चाहकर भी अपने मनपंसद के विषय में अपने पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। एडवोकेट खोवाल ने कहा कि यह आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि विभाग को सबजेक्ट कंबीनेशन को लेकर भी आरक्षण के नियमों का पालन करना चाहिए ताकि विद्यार्थी अपने पसंद के विषय से उच्च शिक्षा प्राप्त कर सके। उन्होंने कहा कि अगर विभाग ने इस दिशा में जल्द ही संज्ञान नहीं लिया तो इस मामले को कोर्ट में चैलेंज किया जाएगा ताकि वंचित वर्ग के विद्यार्थियों को उनका अधिकार मिल सके।