कोविड महामारी के मद्देनजर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने राहत के लिए चलाए विभिन्न अभियान

June 10, 2021

कोविड महामारी के मद्देनजर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने राहत के लिए चलाए विभिन्न अभियान

हिसार, 10 जून  रवि पथ :

जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के चेयरमैन अरूण कुमार सिंगल ने बताया कि कोविड महामारी के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए योजनाओं एवं अधिकारों के बारे में जागरूकता के लिए अभियान चलाया गया है। इसी कड़ी में हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष तथा पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजन गुप्ता के मार्गदर्शन में वर्चुअल मोड के माध्यम से जागरूकता अभियान तथा परियोजनाओं की एक श्रृंखला शुरू की गई है। इसके शुभारंभ अवसर पर हरियाणा के महाधिवक्ता बलदेव राज महाजन, जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव प्रमोद गोयल तथा राज्य के जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/सचिवों ने भाग लिया।
कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में न्यायमूर्ति ने जन जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया है, क्योंकि यह एकमात्र प्रभावी तरीका है, जो लोगों की सोच को उनकी सामाजिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ कोविड महामारी से लड़ने के लिए बदल सकता है। उन्होंने कहा कि मास्क को सही ढंग से पहनने के बारे में जनता के बीच ज्ञान को विकसित करने के उद्देश्य से कोविड एनिमेशन तैयार किया गया है। इस एनिमेटेड क्लिप की शुरुआत मास्क शिष्टाचार के बारें में आम जनता के बीच अधिकतम जागरूकता पैदा करने के लिए कोविड परियोजना का एक हिस्सा है। न्यायमूर्ति ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सभी सचिवों से अनुरोध किया है कि वे विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से इस एनीमेशन का अधिकतम प्रसार सुनिश्चित करें ताकि यह विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंच सके। हालसा द्वारा शुरू की गयी एक अन्य परियोजना ’’कोरोना होम वॉरियर्स’’- एक जागरूकता अभियान की संकल्पना कोविड-19 के खिलाफ रोकथाम पर अधिकतम जन जागरूकता पैदा करने और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के प्रभावी कार्यान्वयन जैसे कि सही तरीके से मास्क पहनना, सामाजिक दूरी, बार-बार हाथों को धोना, हाथों की सफाई आदि के लिए की गयी थी। इस अभियान के तहत बच्चों के माध्यम से व सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता पैदा की जायेगी। न्यायमूर्ति ने कहा कि बच्चों को इसलिए चुना गया है कि क्योंकि वे जागरूकता पैदा करने का एक बड़ा माध्यम हैं। जब बच्चों द्वारा कुछ मुद्दे उठाए जाते हैं तो उन पर मुद्दों का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। इसके विपरीत, सोशल मीडिया लोगों को अपनी कहानियों व बातों को साझा करने तथा दुनिया भर में नए दर्शकों तक पहुंचने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में कार्य करता है। हालसा द्वारा बच्चों को उनके घर से बाहर कदम रखे बिना ऑनलाइन साझा करने के लिए एनिमेटेड फिल्में, पोस्टर, बैनर आदि जागरूकता सामग्री प्रदान की जायेगी। बच्चे इस उद्देश्य के लिए किसी भी इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, स्नैपचैट या किसी अन्य सोशल मीडिया अकाउंट का उपयोग कर सकते हैं। भाग लेने वाले बच्चों को हालसा से प्रमाण-पत्र और मान्यता प्राप्त होंगी।


हालसा द्वारा संघर्ष से उत्कर्ष तक, हम आपके साथ हैं नाम की एक अन्य परियोजना शुरू की गई है। यह परियोजना को उन बच्चों की मदद करने के लिए तैयार की गई है, उन्होंने कोविड महामारी में अपने माता या पिता या फिर दोनों को खो दिया है। ऐसे बच्चों पर समाज को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उनकी सुरक्षा और पुनर्वास इस समय प्रमुख मुद्दों में से एक हैं। यह परियोजना उन बच्चों के अधिकारों और लाभों को सुनिश्चित करेगी जो अकेले रह गये हैं, तथा माता या पिता के साथ हैं। गैर सरकारी संगठनों और सार्वजनिक एजेंसियों की भागीदारी से भोजन, आश्रय, कपड़े आदि जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करके ऐसे बच्चों की पीड़ा को कम किया जाएगा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सचिवों से अनुरोध किया गया है कि वे इस परियोजना की कार्य योजना के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करके इन बच्चों की बेहतरी के लिए हर सम्भव प्रयास करें।
अपने संबोधन के दौरान, हरियाणा के महाधिवक्ता बलदेव राज महाजन ने कहा कि बच्चे हमारे राष्ट्र का भविष्य हैं और उनकी सुरक्षा हमारा प्रमुख कर्तव्य है, ताकि उन्हें उनके नागरिक व नैतिक विकास के लिए एक स्वस्थ वातावरण मिले। उन्होंने आश्वासन दिया है कि इस अभियान में सरकार राज्य भर में परियोजना के सफल कार्यान्वयन में विधिक सेवा प्राधिकरणों को अपना पूरा समर्थन और सहयोग देगी। महामारी के दौरान अपने माता-पिता को खोने वाले प्रत्येक बच्चे तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
इसके अलावा, न्यायमूर्ति ने ’’न्याय सब के लिए’’ के आदर्श वाक्य को प्राप्त करने में विधिक सेवा प्राधिकरणों के सामने आने वाली कठिनाइयों और चुनौतियों पर भी ध्यान केन्द्रित किया है। न्यायमूर्ति ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सचिवों को पैनल अधिवक्ताओं के माध्यम से उनकी चयन प्रक्रिया में सुधार करके और उन अधिवक्ताओं की पहचान करके गुणवत्तापूर्ण कानूनी सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए कहा है, जो सक्षम हैं और कानूनी सहायता के प्रति प्रतिबद्धता की भावना रखते हैं।
उन्होंने बताया कि हरियाणा के जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों ने राज्य भर में 182 टीकाकरण शिविर आयोजित किए और इन शिविरों के दौरान 24,911 व्यक्तियों को टीका लगाया गया है।
हालसा ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के माध्यम से जिला प्रशासन और गैर सरकारी संगठनों के समन्वय में पारगमन और भोजन के सम्बन्ध में 3,50,000 प्रवासियों को सहायता प्रदान की। कोविड के बारें में जागरूकता पैदा करने के लिए 4000 से अधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें 4,40,000 से अधिक व्यक्तियों ने भाग लिया, 2,00,000 मास्क और सैनिटाइजर वितरित किए गए, 2700 लोगों को चिकित्सा सहायता प्रदान की गयी, 20,000 से अधिक सैनेटरी नैपकिन वितरित किये गये, 8121 लोगों को आश्रयरूपी सहायता प्रदान की गयी, 20,103 को गृह राज्यों या गृह जिलों की यात्रा के सम्बन्ध में सहायता प्रदान की गयी, 1,100 फंसे मजदूरों को आवाजाही पास के लिए सहायता प्रदान की गयी।