डॉ रमेश पूनिया ने किया बड़ा खुलासा, मेयर की कोरोना रिपोर्ट जबरन नैगेटिव घोषित करने का डाला गया दबाव, कोरोना टैस्ट में रसूखदारों पर मेहरबानी, बड़े लोगों के रिपोर्ट 2 घंटे में तैयार, गरीबों को करना पड़ रहा तीन तीन दिन इंतजार

July 12, 2020

डॉ रमेश पूनिया ने किया बड़ा खुलासा

मेयर की कोरोना रिपोर्ट जबरन नैगेटिव घोषित करने का डाला गया दबाव

कोरोना टैस्ट में रसूखदारों पर मेहरबानी

बड़े लोगों के रिपोर्ट 2 घंटे में तैयार

गरीबों को करना पड़ रहा तीन तीन दिन इंतजार

रवि पथ (कुलदीप श्योराण)
12 जुलाई हिसार

कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में अहम भूमिका निभा रहे हिसार के डॉक्टर रमेश पूनिया को एक बार फिर प्रशासनिक उत्पीड़न का शिकार बनाने का प्रयास किया गया।
डॉ रमेश पूनिया को दबाव डालकर हिसार के मेयर की कोरोनावायरस नैगेटिव घोषित करने को कहा गया। डॉक्टर पुनिया ने ऐसा करने से इंकार कर दिया।

डॉ रमेश पूनिया ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि रसूखदार लोगों की कोरोना टैस्ट रिपोर्ट 2 घंटे में ही तैयार करवा दी जाती है जबकि गरीबों को 3-3 दिन तक टेस्ट की रिपोर्ट के लिए इंतजार करना पड़ता है।
कोरोना के मामले में पूरी तरह से आम जनता के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार किया जा रहा है। अमीरों और बड़े लोगों को सिस्टम के तहत तुरंत सारी सुविधाएं दी जाती हैं और गरीब व आम लोगों को टेस्ट की रिपोर्ट के लिए कई- कई दिन तक इंतजार करने के लिए छोड़ा जा रहा है।

डॉ रमेश पुनिया ने इस सारी कहानी का अपने फेसबुक वॉल पर विस्तार से जिक्र करते हुए लिखा है

दोस्तों!
कल दैनिक अख़बार में प्रकाशित मेयर मामले को लेकर कल आनन-फानन में मेरे खिलाफ कार्यवाही के तहत 4:00 बजे मीटिंग रख दी गई।मुझे इस मीटिंग में बुलाया गया और पहली बार ऐसा हुआ कि अख़बार के वरिष्ठ संवाददाता को नोटिस देकर व्यक्तिगत रूप से इस मीटिंग में बुलाया गया।
अख़बार संवाददाता तो इस मीटिंग में नहीं आए लेकिन उच्च अधिकारियों के आदेश का पालन करने हेतु मैं मीटिंग में गया।
मीटिंग में आईडीएसपी इंचार्ज ने मुझे कहा की मेयर की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव है,आप यह लिख कर दो कि अख़बार में गलत न्यूज़ छपी है।


मैंने कहा मेरे पास मेयर की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट है।
दोस्तों!अजीब विडंबना है कि 5 जुलाई को मेयर का सैंपल लिया गया और 6 जुलाई को रिपोर्ट पॉजिटिव आई लेकिन मीटिंग में मुझे बताया गया कि मेयर का सैंपल 6 जुलाई की रात को अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में भेजा गया, जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई।
दोस्तों 10 मई को एक सीबी नॉट टेस्ट उस रईसजादा का किया गया था जिसकी रिपोर्ट 2 घंटे में आ गई थी और अब 6 जुलाई की रात को 12:00 बजे मेयर का सीबी नॉट से टेस्ट हुआ और उसी रात 1:30 बजे रिपोर्ट नेगेटिव आ गई।
बहुत अच्छी बात है कि मेयर महोदय की रिपोर्ट नेगटिव आई और वे स्वस्थ हैं।
यह सीबी नॉट टेस्ट केवल रसूखदार और पहुँच वाले लोगों के लिये रिजर्व है।
विडंबना देखिये कि पिछले महीने आधार हॉस्पिटल में कैथल की एक औरत की मृत्यु हो गई और 3 दिन तक उसका शव शव गृह में पड़ा रहा क्योंकि वह मजदूर की पत्नी थी।
यह टेस्ट क्या केवल वीआईपी और रईसजादों का ही होता है।
बड़ी हैरत की बात है कि पहला टेस्ट 5 जुलाई को हुआ उसका रिजल्ट 6 जुलाई को आया।
उसके बाद 6 को टेस्ट हुआ जिसकी रिपोर्ट 7 को आई जो नेगेटिव है।
मैं आपको बता दूं कि हमारे हिसार में जो सबसे पहले सेक्टर 16 /17 की एक महिला का कोरोना केस आया था उसकी कोरोना रिपोर्ट भी 48 घंटे बाद नेगेटिव आ गई थी, यह रिपोर्ट भी 48 घंटे बाद नेगेटिव अाई है।
अच्छी बात है कि मेयर स्वस्थ हैं। लेकिन इंचार्ज ने मुझे यह नहीं बताया कि मेयर कहां है! उल्टा आईडीएसपी इंचार्ज मुझे कहती हैं कि *घर का भेदी लंका ढाए, मुझे विभीषण की संज्ञा दी गई।*
मुझे बहुत दुख हुआ, सारी रात नींद नहीं आई मुझे बलराज साहनी की फिल्म *दो रास्ते* का एक गीत याद आ गया *दो रंग दुनिया के दो रास्ते* ।


पहले भी मैं किसी गलत बात के आगे नहीं झुका ना ही आज झुकूंगा। लेकिन ऐसी परिस्थतियां देख कर दुख होता है।
चमचागिरी की भी हद होती है मेयर कहता है कि घर के बाहर पोस्टर लगाओ लेकिन अधिकारी कह रहे हैं पोस्टर नहीं लगाना। वे अधिकारी कसूरवार हैं जो हमेशा चमचागिरी की हदें तोड़ते रहते हैं।
दोस्तों! कई बार तो मन करता है कि सब कुछ छोड़ दूं और अपने पैर पीछे खींच लूं।लेकिन फिर आप सभी के अटूट विश्वास,स्नेह,मार्गदर्शन और निस्वार्थ सहयोग के साथ मेरी हिम्मत और हौसला और बढ़ जाता है जिसके बल से इंसाफ़ और सच्चाई के रास्ते पर आगे बढ़ता चला जाता हूँ।