सेना की पहली स्थाई अधिकारी कर्नल सुमन ने फिर रचा इतिहास मैराथन में आई प्रथम

January 16, 2021

सेना की पहली स्थाई अधिकारी कर्नल सुमन ने फिर रचा इतिहास मैराथन में आई प्रथम

कर्नल सुमन को सेना में पहली स्थाई सैन्य अधिकारी बनने का गौरव है प्राप्त

पुणे रवि पथ न्यूज़ : देश की पहली स्थाई सैन्य अधिकारी कर्नल सुमन ने एक बार फिर से अपने अदम्य साहस के बल पर मैराथन में प्रथम स्थान हासिल करते हुए देश का गौरव बढ़ाया है। हिसार के कुम्भा निवासी कर्नल भूपेश कुमार की धर्मपत्नी कर्नल सुमन को देश की सेना में पहली स्थाई सैन्य अधिकारी बनने का गौरव भी प्राप्त है।

पुणे में हुई मैराथन में कर्नल सुमन ने पहला स्थान हासिल करके एक और जहां महिलाओं का गौरव बढ़ाया है वही एक और नया इतिहास रचते हुए नारी शक्ति के लिए प्रेरणा बनने का काम किया है। मिली जानकारी के अनुसार 15 जनवरी सेना दिवस के मौके पर पुणे में मैराथन आयोजित की गई, जिसमें कर्नल सुमन ने हिस्सा लिया और प्रथम स्थान हासिल करते हुए पहला इनाम जीता। यह सभी देशवासियों के लिए बड़ा गौरव का विषय है कि कर्नल सुमन ने पहले तो दिन रात मेहनत और अपनी लगन से सेना में प्रथम सैन्य अधिकारी बनकर जहां महिलाओं के लिए एक प्रेरणा कायम की वहीं अब सेना दिवस पर आयोजित मैराथन में प्रथम स्थान हासिल करके महिला जगत का गौरव बढ़ाया।

आपको बता दें कि 15 जनवरी 1949 को फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने भारतीय सेना के कमांडर इन चीफ की कमान जर्नल फ्रांसिस बूचर से हासिल की थी। केएम करियप्पा देश के पहले फील्ड मार्शल भी बने थे, तब से 15 जनवरी को सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। सेना दिवस के मौके पर पुणे में आयोजित की गई मैराथन में जिला हिसार के कुंभा गांव की बहू कर्नल सुमन ने एक बार फिर से अपने गांव व परिजनों का सिर ऊंचा करते हुए एक खास मुकाम हासिल किया है।

हिसार के सेक्टर 14 में रह रहे कर्नल सुमन के ननिहाल पक्ष के लोगों ने सुमन के इस पल पर भी खुशी जाहिर करते हुए कर्नल सुमन और कर्नल भूपेश कुमार को शुभकामनाएं दी। कर्नल सुमन जिला हिसार के गांव पाबड़ा के नवोदय विद्यालय से शिक्षा ग्रहण करके सेना में अपनी सेवाएं दे रही है। जैसे ही उनकी यह खबर उनके पाबड़ा नवोदियन के पास पहुंची तो उनमें भी खुशी की लहर छा गई।