निकाय चुनावों में इनेलो का प्रदर्शन रहा बेहद शानदार: अभय सिंह चौटाला

June 22, 2022

निकाय चुनावों में इनेलो का प्रदर्शन रहा बेहद शानदार: अभय सिंह चौटाला

इनेलो ने शहरी वोटों में भारी इजाफा किया है और शहरी सरकार (निकाय) में अपनी भागीदारी कर ली है

जजपा के उम्मीदवारों की करारी हार ने दिखा दिया है कि आने वाले समय में जजपा शून्य पर पहुंच जाएगी

भूपेंद्र हुड्डा जिन जिलों को अपना गढ़ कहते हैं वहां कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार सभी सीटों पर चुनाव हार गए हैं जिससे यह प्रमाणित हो गया है कि कांग्रेस प्रदेश में खत्म हो गई है

2024 में इनेलो प्रदेश में जबरदस्त वापसी करेगी और मजबूत संगठन के बलबूते अपनी बहुमत की सरकार बनाएगी

चंडीगढ़, 22 जून रवि पथ :

इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने बुधवार को चंडीगढ़ में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि निकाय चुनावों में इंडियन नेशनल लोकदल का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा है। इनेलो ने अब शहरी सरकार (निकाय) में अपनी भागीदारी कर ली है। इनेलो पार्टी के सिंबल पर मंडी डबवाली के नगर परिषद का चेयरमैन जीत कर आया है। वहीं नरवाना, रानियां और टोहाना से इनेलो समर्थित उम्मीदवार चेयरमैन का चुनाव जीते हैं जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
2019 के विधान सभा चुनावों में इनेलो पार्टी को मात्र डेढ़ प्रतिशत वोट मिले थे लेकिन अब इन निकाय चुनावों में पार्टी ने शहर से 15 प्रतिशत वोट लेकर सिद्ध कर दिया है कि इनेलो ने शहरी वोटों में भारी इजाफा किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में इनेलो का वोट बैंक दोबारा से घर वापसी कर चुका है। जजपा के उम्मीदवारों की करारी हार ने दिखा दिया है कि आने वाले समय में जजपा शून्य पर पहुंच जाएगी। भूपेंद्र हुड्डा जिन जिलों को अपना गढ़ कहते हैं वहां कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार सभी सीटों पर चुनाव हार गए हैं जिससे यह प्रमाणित हो गया है कि कांग्रेस प्रदेश में खत्म हो गई है
2024 में इनेलो प्रदेश में जबरदस्त वापसी करेगी और मजबूत संगठन के बलबूते अपनी बहुमत की सरकार बनाएगी। केंद्र की सरकार द्वारा अग्निपथ योजना लागू करने पर अभय सिंह चौटाला ने कहा कि आज इनेलो का प्रतिनिधि मंडल हरियाणा के राज्यपाल से मिला और उन्हें ज्ञापन सौंपा। महामहिम राज्यपाल को अग्निपथ योजना के दुष्परिणामों के बारे में अवगत करवाया और बताया कि यह योजना सेना ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए बहुत घातक है। अग्निपथ योजना के तहत भर्ती हुआ सैनिक चार साल के बाद बेरोजगार हो जाएगा, उसे न तो भूतपूर्व सैनिक का दर्जा मिलेगा और न ही स्थायी फौजियों जैसे लाभ मिलेंगे। चार साल बाद 75 प्रतिशत सैनिक जो बेरोजगार होंगे उन्हें दोबारा नौकरी नहीं मिलने पर वह किसी भी प्रकार का गलत कदम उठा सकता है।