बाल संरक्षण के लिए चाइल्ड लाइन नंबर-1098 का करें अधिकाधिक प्रचार-प्रसार: उपायुक्त

November 21, 2020

बाल संरक्षण के लिए चाइल्ड लाइन नंबर-1098 का करें अधिकाधिक प्रचार-प्रसार: उपायुक्त

विभाग, अस्पताल और पुलिस स्टेशनों में स्थापित करें चाइल्ड फ्रेंडली कॉर्नर

0 से 18 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों को दें संबंधित विभागीय योजनाओं का लाभ

उपायुक्त ने जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक में दिए जरूरी दिशा-निर्देश

सोनीपत, 20 नवंबर रवि पथ :

उपायुक्त श्याम लाल पूनिया ने बाल संरक्षण पर विशेष बल देते हुए जारी चाइल्ड लाइन हैल्प नंबर-1098 के अधिकाधिक प्रचार-प्रसार पर बल दिया। उन्होंने आम जनमानस का भी आह्वान किया कि वे बाल शोषण के विरूद्ध हैल्पलाइन नंबर पर सूचित करें, ताकि बच्चों की हर प्रकार के शोषण से रक्षा की जा सके।
उपायुक्त पूनिया शुक्रवार को लघु सचिवालय में आयोजित जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने बाल शोषण पर पूर्ण रूप से लगाम लगाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि चाइल्ड लाइन नंबर इसी उद्देश्य से जारी किया गया है। आम नागरिकों को भी बाल शोषण के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस नंबर को बसों पर, सार्वजनिक स्थानों आदि पर प्रदर्शित किया जाए, ताकि लोग जागरूक हों।
उपायुक्त ने निर्देश दिए कि जिला बाल संरक्षण समिति से संबंधित सभी विभागों में चाइल्ड फ्रेंडली कॉर्नर स्थापित किया जाए। सिविल अस्पताल व अन्य सरकारी अस्पतालों में भी चाइल्ड फ्रेंडली कॉर्नर स्थापित किया जाए। गर्भवती महिलाएं तथा अपने बच्चे को दूध पिलाने के लिए माताएं भी इस कॉर्नर का प्रयोग कर सकती हैं। उन्होंने पुलिस स्टेशनों में भी चाइल्ड फ्रेंडली रूम की स्थापना के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने बाल श्रम को रोकने के लिए ज्यादा से ज्यादा रेड डालने के निर्देश दिए।


उपायुक्त पूनिया ने समिति से संबंधित विभागीय अधिकारियों का व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर बाल संरक्षण के लिए सुझाव आमंत्रित करने के निर्देश भी दिए। इस मौके पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी डा. रितु गिल ने समिति के संदर्भ में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि इसका प्रमुख उद्देश्य 0-18 वर्ष आयुवर्ग के जरूरतमंद बच्चों को खोजकर उन्हें बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करना है। इस दौरान संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया गया कि इस आयुवर्ग के बच्चों को क्या-क्या सुविधाएं दी जा सकती हैं।
इस मौके पर चाइल्ड लाइन के निदेशक डा. राज सिंह सांगवान ने सुझाव दिया कि निजी तथा सरकारी अस्पतालों में पालने लगवाये जाएं, ताकि कोई भी व्यक्ति अनचाहे शिशुओं को सडक़ों अथवा कचरे के ढ़ेर में न फेंके। साथ ही उन्होंने नशामुक्ति अभियान को भी गति देने की मांग की। इसके अलावा भी उन्होंने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इस अवसर पर डॉ नितू गिल को निर्देश दिए कि बच्चों को सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से उनके कंटेंट डिजाइन करवाए और इसे आंदोलन का रूप देकर सभी सरकारी गाडियों पर स्टीकर चस्पा करवाकर आंदोलन की अविल्ब शुरूआत करें। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी शांति जून, बाल संरक्षण अधिकारी (संस्थानिक) ममता शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी जोगेंद्र हुड्डा, डिप्टी सीएमओ डा. आदर्श शर्मा, डाईट के प्राचार्य कुलदीप सिंह दहिया, सहायक श्रम आयुक्त सुनील नांदल, लेबर इंसपेक्टर जगदीश कटारिया, इंसपेक्टर पूनम आदि मौजूद थे।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शत-प्रतिशत सफलता पर दिया बल:
उपायुक्त श्याम लाल पूनिया ने इस दौरान बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ तथा पोषण अभियान और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को लेकर भी विस्तार से समीक्षा। उन्होंने कहा कि सभी योजनाओं का पूर्ण लाभ पात्रों को अवश्य मिलना चाहिए। इसके लिए सभी विभाग बेहतरीन तालमेल के साथ कार्य करें। साथ ही योजनाओं का प्रचार-प्रसार करते हुए महिलाओं को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि मोबाईल वैन के माध्यम से भी गांव-गांव जाकर इन योजनाओं की जानकारी दी जाए।