चरखी दादरी पुलिस द्वारा यातना देने पर पीड़ित को मिला 40000 का मुआवजा

September 1, 2020

चरखी दादरी पुलिस द्वारा यातना देने पर पीड़ित को मिला 40000 का मुआवजा

चरखी दादरी 1 सितम्बर रवि पथ :

अधिवक्ता संजीव तक्षक ने बताया कि चरखी दादरी में एक व्यक्ति संदीप कुमार उर्फ बिट्टू को हरियाणा पुलिस विभाग( डीजीपी) के माध्यम से ₹40000 का चेक बतौर मुआवजा मिला है! पुलिस विभाग ने पुलिस कर्मचारी एस.आई. राजकुमार के सैलरी अकाउंट से काटकर पीड़ित युवक को मानव अधिकार आयोग के निर्देश पर दिया है !मामला 2018 का है जब तत्कालीन बस स्टैंड चौकी इंचार्ज चरखी दादरी ASI राजकुमार ने एक व्यक्ति संदीप उर्फ बिट्टू पर वर्दी फाड़ने व पुलिस कार्य में बाधा डालने का केस (एफ. आई. आर .नंबर- 144/ 2018, U/S 186 ,353 506 आई.पी.सी व 68 -1-14 एक्साइज एक्ट, थाना -शहर चरखी दादरी में दर्ज किया था! इस मामले में संदीप बताया कि उस समय पुलिस ने मेरे ऊपर झूठा केस दर्ज किया था और मेरे साथ रात को अमानवीय यातनाएं देकर मारपीट की थी !

संदीप ने बताया कि इस मामले में जब मुझे कोर्ट में पेश किया गया तो मैंने जज साहब को पुलिस यातना व मारपीट से आई सभी चोट दिखाई और दोबारा मेडिकल बोर्ड से मेडिकल करवाने की लगाई अर्जी लगाई !उसके बाद कोर्ट आदेश पर मेरा मेडिकल दोबारा हुआ और री मेडिकल में मेरे शरीर पर चोट मिली! उसके बाद मैंने पुलिस अधिकारियों को शिकायत कर बताया कि ASI राजकुमार ने मेरे खिलाफ झूठा मुकदमा बनाया है और तत्कालीन थाना शहर SHO गौरव कुमार व ASI भीम सिंह व दो- तीन सिपाहियों ने राजकुमार के साथ मिलकर मेरे साथ सारी रात मारपीट की और चोट मारी हैं!

उसके बाद पुलिस ने तत्कालीन ASI राजकुमार को सस्पेंड कर दिया था लेकिन उसके खिलाफ कोई केस दर्ज ना किया अपितु विभाग ने कुछ दिन बाद A.S.I. राजकुमार को S.I. का प्रमोशन भी दे दिया !फिर मैंने अधिवक्ता संजीव तक्षक के दिशा निर्देश से लोकायुक्त हरियाणा व मानवाधिकार आयोग व कोर्ट में इस्तगासा दायर कर उचित कार्रवाई की मांग की! अब मेरी शिकायत पर मानव अधिकार आयोग के दिशा निर्देश पर पुलिस विभाग ने बतौर मुआवजा मुझे ₹40000 का चेक दिया है जो राजकुमार SI की तनख्वाह (सैलरी अकाउंट) से काटे गए हैं! अधिवक्ता संजीव तक्षक ने बताया कि हमारी लड़ाई अभी अधूरी है! हमने पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कोर्ट में इस्तगासा दायर कर रखा है जिसमें सही न्याय कोर्ट से मिलने की उम्मीद है !

संजीव तक्षक ने बताया कि कानून की नजर में गलत करने वाले सब बराबर हैं चाहे वह जो कोई हो !कई बार पुलिस मनमानी करती है जो कि गलत है! संवैधानिक उपचारों के तहत हमने विभिन्न आयोगों में पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ कई बार गुहार लगाई है !आम आदमी को सभी संवैधानिक अधिकारों को पता नहीं है !हमारा यह मूल कर्तव्य है कि पीड़ित व्यक्ति को सभी संवैधानिक उपचार उपलब्ध कराएं!न्याय होना ही जरूरी नहीं है न्याय दिखाई भी देना चाहिए! हम इस प्रकार कार्य करें ताकि पीड़ित व्यक्ति को न्याय व्यवस्था व संवैधानिक उपचारों का सही में फायदा मिले!