ब्लैक फंगस के सामने बेबस pgi, नहीं है मरीजों के हिसाब से दवा

May 20, 2021

ब्लैक फंगस के सामने बेबस pgi, नहीं है मरीजों के हिसाब से दवा

रोहतक पीजीआई में पूरे प्रदेश से पहुंचे 41 ब्लैक फंगस के मरीज

रोहतक पीजीआई केवल 4 जिलों के मरीजों का इलाज करने के लिए है नोटिफाई

लेकिन पूरे प्रदेश से पहुंच रहे हैं ब्लैक फंगस के मरीज

सरकार उपलब्ध कराएं मरीजों की संख्या के हिसाब से दवा

रोहतक रवि पथ न्यूज़ :

कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस की बीमारी ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। रोहतक पीजीआई में अब तक 41 ब्लैक फंगस के मरीज दाखिल हो चुके हैं। पीजीआई भी इन मरीजों के इलाज के सामने बेबस नजर आ रहा है। क्योंकि संख्या के हिसाब से उनके पास दवा उपलब्ध नहीं है। इसलिए उन्होंने सरकार से कहा है कि उन्हें दवा उपलब्ध कराई जाए। पीजीआई के चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि सरकार दवा उपलब्ध करवाने के प्रयास कर रही है और हम भले ही 4 जिले के फंगस के मरीजों के इलाज के लिए नोटिफाई किए गए हो, लेकिन रोहतक पीजीआई किसी का भी इलाज करने से मना नहीं कर रहा।
कोरोना संक्रमित डायबिटीज व कैंसर के मरीजों में ब्लैक फंगस के लक्षण सामने नजर आ रहे हैं और अब इस बीमारी ने पांव पसारना भी शुरू कर दिया है। क्योंकि रोहतक पीजीआई में अभी तक ब्लैक फंगस के 41 मरीज दाखिल हो चुके हैं। जो प्रदेश के विभिन्न जिलों से पीजीआई पहुंचे। पीजीआई की चिकित्सा अधीक्षक डॉ पुष्पा दहिया ने बताया की संक्रमण के दौरान ज्यादातर मरीज ऑक्सीजन पर रहे हैं। जिसकी वजह से वह अपने गले, मुंह, आंख व दातों की सफाई नहीं कर पा रहे और जिस तरह की दवाई डायबिटीज और कैंसर के मरीज ले रहे हैं उसकी वजह से यह ब्लैक फंगस बढ़ रहा है। क्योंकि ऐसे मरीजों की इम्युनिटी कम हो जाती है। इससे बचाव का एकमात्र साधन अपने अंगों की सफाई रखना है। डॉक्टर दहिया का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण के 25 से 30 दिन के बाद ब्लैक फंगस के लक्षण दिखाई देना शुरू होते है। ऐसे में सबसे जरूरी है कि कोरोना संक्रमित या ठीक हो चुके मरीज अपने गले,नाक, मुंह, दांत व आंखों की सफाई का विशेष ध्यान रखें। सरकार ने ब्लैक फंगस को नोटिफाइड डिजीज करार कर दिया है।

इसलिए 12 मेडिकल कॉलेज को ब्लैक फंगस के इलाज के लिए नोटिफाई किया गया है। रोहतक पीजीआई को 4 जिलों के ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज करने के लिए अधिकृत किया गया है। जिसमें रोहतक, जींद, चरखी दादरी व महेंद्रगढ़ शामिल है। लेकिन उनके पास हरियाणा के विभिन्न जिलों से ब्लैक फंगस के मरीज दाखिल हो रहे हैं और अभी तक उनके पास 41 मरीज रोहतक पीजीआई में दाखिल हैं। जिन 4 जिलों के लिए उन्हें नोटिफाई किया गया है, उन जिलों के केवल 6 ही मरीज रोहतक पीजीआई में है। लेकिन वे किसी भी मरीज को दाखिल करने से मना नहीं कर रहे हैं। चाहे वह मरीज 4 जिलों से बाहर का ही क्यों ना हो। जिसके लिए पीजीआई को इलाज करने के लिए अधिकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस का इलाज एक स्पेसिफिक दवा से किया जाता है। लेकिन मरीजों की संख्या के अनुसार उनके पास एक दवा की कमी है। जिसकी पूर्ति के लिए उन्होंने सरकार को लिख दिया है और उन्हें उम्मीद है कि सरकार भी जल्द ही दवा उनके पास भेज देगी।