प्रधानमंत्री फसल बीमा की आड़ में किसानों से लूट जारी: किरण चौधरी

January 20, 2022

प्रधानमंत्री फसल बीमा की आड़ में किसानों से लूट जारी: किरण चौधरी

काकड़ोली हट्टी और उमरवास के किसानों से मुआवजा वितरण में भेदभाव लगाया आरोप

चरखी दादरी, 20 जनवरी रवि पथ :

पूर्व सीएलपी लीडर किरण चौधरी और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी ने सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा की आड़ में किसानों से लूट अब भी बदस्तूर जारी है। उन्होंने कहा कि किसान मुआवजा पाने के लिए दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं और जन आक्रोश बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों के खाते से पैसे काटकर प्राइवेट बीमा कंपनियों को सरकार ने जरूर मालामाल कर दिया है।

उन्होंने कहा कि बाढड़ा उपमंडल के काकड़ोली हट्टी और उमरवास के ग्रामीण कई बार प्रशासन के सामने गुहार लगा चुके हैं। लेकिन स्थिति वही ढाक के तीन पात वाली है। उन्होंने कहा कि किसानों से बीमा योजना के पैसे वसूलने के बाद जब उनकी फसल बर्बाद हुई तो बीमा कंपनियों ने टालमटोल करते हुए बहाने गढ़ने शुरू कर दिए। उन्होंने कहा कि काकड़ोली हट्टी और उमरवास के ग्रामीणों के साथ खरीफ सीजन 2020 की बेमौसमी बरसात व सफेद मक्खी से खराब कपास की फसल के मुआवजा वितरण में भारी भेदभाव हुआ है। उन्होंने कहा कि ये असहनीय है और अगर सरकार ने इस मामले में तुरंत संज्ञान नहीं लिया तो कांग्रेस पार्टी इसके खिलाफ कड़े कदम उठाने को मजबूर होगी।

पूर्व मंत्री किरण चौधरी और श्रुति चौधरी ने कहा कि दादरी जिले में कई गांवों में किसान पानी भराव के चलते दो फसलें लेने से वंचित हो गए हैं लेकिन उनको सरकार ने घोषणा के बावजूद उनको वाजिब मुआवजा नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि जिले के कई गांवों में अभी भी पानी खड़ा है लेकिन प्रशासन का रवैया बेहद उदासीन है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस बारे में प्रभावी कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार टेल तक पानी पहुंचाने का दावा करती है लेकिन सर्दी में भी संडवा की तरह कई गांवों में पीने के पानी के लाले पड़े हुए हैं।

पूर्व सांसद श्रुति चौधरी ने कहा कि सरकार ने डाडम हादसे से सबक नहीं लिया है और मजदूरों के जीवन से खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने नांगल चौधरी में अवैध खनन के चलते बुधवार हो हुए हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार को अवैध खनन पर तुरंत प्रभावी ढंग से कार्यवाही करनी चाहिए ताकि और जान माल की हानि ना हो। उन्होंने कहा कि खनन से हजारों मजदूरों की आजीविका जुड़ी है। ऐसे में सरकार को माइनिंग प्लान के हिसाब से खनन किये जाने पर ध्यान देना चाहिए जिससे काम धंधे प्रभावित ना हों।