पुर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणावासियों से की अपील

November 27, 2020

पुर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणावासियों से की अपील

 शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसानों के रुकने-ठहरने, खाने-पीने और डॉक्टरी इलाज की व्यवस्था करने में करें हर संभव मदद

किसानों की मांगें पूरी तरह जायज़, हम किसानों की मांगों का करते हैं पूर्ण समर्थन- हुड्डा

सरकार के ज़ुबानी आश्वासन पर नहीं है किसानों को भरोसा, एमएसपी का क़ानून बनाए सरकार- हुड्डा

27 नवंबर,  चंडीगढ़ रवि पथ :

पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणावासियों के लिए एक अपील जारी की है। उन्होंने अपील की है कि हरियाणावासी शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसानों की हर संभव मदद के लिए आगे आएं। हुड्डा ने कहा कि जो किसान पंजाब या हरियाणा के अलग-अलग इलाक़ों से दिल्ली की तरफ जा रहे हैं, उनके खाने-पीने की व्यवस्थाएं की जाएं। किसानों के ठहरने और सोने के लिए भी तमाम प्रबंध किए जाएं। इतना ही नहीं कड़कड़ाती ठंड, बारिश, वाटर कैनन की बौछारों या आंसू गैस के गोलों की वजह से प्रभावित जिन किसानों को डॉक्टरी सहायता या इलाज की जरूरत है, उन्हें भी हर संभव मदद पहुंचाई जाए।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार तानाशाही तरीक़े से किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रही है। जबकि, लोकतंत्र में हर नागरिक और हर एक वर्ग को अपनी मांगों के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन का संवैधानिक अधिकार प्राप्त है। सरकार को अपनी हठधर्मिता छोड़कर किसानों से बातचीत करनी चाहिए और जल्द से जल्द उनकी मांगों को मानना चाहिए। हुड्डा ने कहा कि किसानों की मांगें पूरी तरह जायज़ हैं और वो इन मांगों का पूर्ण समर्थन करते हैं। एमएसपी की गारंटी के बिना नये कृषि क़ानून किसानहित में नहीं हो सकते।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार के ज़ुबानी आश्वासन पर किसानों को भरोसा नहीं है। इसलिए वो इसे क़ानून की शक्ल देने की मांग कर रहे हैं। लेकिन, सरकार ऐसा करने से पीछे हट रही है। इसलिए किसानों को सरकार की मंशा पर संदेह है। हमने हर मंच से सरकार के सामने पहले भी ये मांगें रखी थी और आगे भी रखेंगे; लेकिन सरकार लगातार इन जायज मांगों की अनदेखी कर रही है। यही वजह कि मजबूरन किसानों को महामारी के इस दौर में भी अपनी मांगे मनवाने के लिए सड़कों पर आना पड़ा।