अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति हरियाणा की प्रदेष कार्यकारिणी की बैठक आयोजित

March 16, 2019

 

अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति हरियाणा की प्रदेष कार्यकारिणी की बैठक आयोजित

रवि पथ ब्यूरो 16 मार्च 2019, रोहतक,

अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति हरियाणा की प्रदेष कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन किया। जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री यषपाल मलिक ने बताया कि लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है और हरियाणा की बीजेपी सरकार व उसमें बैठे मन्त्रियों द्वारा जाट समाज के साथ अन्याय व अत्याचार जारी है। प्रदेष व केन्द्र सरकार द्वारा अभी ना तो जाटों को आरक्षण दिया गया और ना ही हरियाणा सरकार द्वारा उच्च न्यायालय में पैरवी कर जाट आरक्षण से स्टे हटवाया और ना ही मुकदमें वापिसी की प्रक्रिया से स्टे हटवाया। अतः जाट समाज की पूरे देष में बीजेपी की प्रदेष व केन्द्र सरकार से नाराजगी है। जिसके कारण उत्तर भारत के 13 राज्यों में जाट समाज की नाराजगी के चलते व हरियाणा में बीजेपी सरकार द्वारा हरियाणा के जाटों के साथ किये गये अत्याचारों के कारण पूरे देष के जाट समाज में भारी नाराजगी है। जिसके चलते पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेष, उत्तराखण्ड व मध्य प्रदेष की लगभग 70 लोकसभा सीटों पर भाजपा को भारी नुकसान उठाना पढ़ेगा, जिसकी तैयारी संघर्ष समिति द्वारा लगातार पिछले 6 महीने से भाईचारा/जाट सन्देष यात्राओं के माध्यम से समाज के लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

हरियाणा में जाट समाज को गुमराह करने के लिये जाट समाज के ही कुछ लोगों द्वारा सरकार व सरकार में बैठे मन्त्रियों के इषारे पर समाज को गुमराह करने व संघर्ष समिति के खिलाफ झूठे आरोप प्रत्यारोप इस कारण लगाये जा रहे हैं जिससे सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को बदनाम कर सरकार के खिलाफ जाट समाज आवाज ना उठा सके। उन्होंने बताया कि जो लोग संघर्ष समिति को बदनाम कर रहे हैं, उन लोगों द्वारा आज तक सरकार के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला और ना ही मन्त्री कैप्टन अभिमन्यु के खिलाफ बोला जिनकी वजह से नाम दर्ज मुकदमों में वे खुद जेलों में रहे हैं या उन पर मुकदमें दर्ज है। जगह-जगह पंचायतों का आयोजन कर समाज को झूठ बोलकर गुमराह कर रहे हैं। जबकि वास्तविक सच्चाई निम्न प्रकार हैः-

1. संघर्ष समिति द्वारा जो भी सरकार के साथ फैसले हुऐ थे वह सब जिलों के पदाधिकारियों के सामने व सरकार के मुख्यमन्त्री व केन्द्रीय मन्त्रियों की मौजूदगी में सार्वजनिक रूप से मीडिया के सामने बैठकर घोषणा हुई थी।
2. सरकार द्वारा समझौते के तहत शहीदों को मुआवजा, शहीदों के परिवारों को पक्की नौकरी, घायलों को मुआवजा, हरियाणा में जाट आरक्षण व केन्द्र में आरक्षण देने व मुकदमों की वापसी पर समझौते हुऐ थे।
3. उपरोक्त मांगों में से मुकदमों की वापसी व हरियाणा प्रदेष के आरक्षण पर पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा स्टे किया गया था, जिस पर हरियाणा सरकार द्वारा सही पैरवी ना करना, इसका कारण है। बाकी मांगें पूरी हो चुकी हैं।
4. जाटों को केन्द्रीय स्तर पर ओ.बी.सी. में शामिल करने की माँग माननीय प्रधानमंत्री व बीजेपी के अध्यक्ष द्वारा आष्वासन देने के बाद भी आज तक पूरी नहीं की गई है।
5. जिन भाईयों पर कैप्टन अभिमन्यु के परिवार द्वारा अपनी कोठी फूँकने के निजि रूप से नाम दर्ज कराये गये हैं, उन मुकदमों को उनके परिवार के द्वारा ही वापिस लिया जा सकता है। जिसके लिये तमाम सामाजिक प्रयासों के साथ-साथ विरोध प्रदर्षन कर भी मांगें मनवाने का प्रयास किया गया, जो अब तक कैप्टन के परिवार की जिद्द व राजनीतिक बदले की भावना के कारण सफल नहीं हुऐ।
6. सभी जिलों में जिन लोगों पर भी मुकदमें दर्ज हैं उन सभी की सहायता उस जिले के वकीलों द्वारा निषुल्क की गई। जिन लोगों द्वारा समाज के वकीलों या संघर्ष समिति से सम्पर्क नहीं किया, उन लोगों द्वारा मुकदमों को अपने स्वयं के द्वारा लड़ा गया।
7. विरोध करने वाले लोग उन मन्त्रियों के रिष्तेदारों व मन्त्रियों के खिलाफ भी कुछ नहीं बोलते, जिन्होंने फरवरी 2016 के आन्दोलन में हिंसा कराकर लोगों को आन्दोलन के लिये तैयार किया था न ही सरकार द्वारा उन लोगों के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं कराया है।
8. अतः ऐसे लोगों की सच्चाई बताने व सरकार की समाज को तोड़ने की साजिष से अवगत कराने के लिये जल्द ही सभी जिलों पर जिला कार्यकारिणी की बैठकों का आयोजन कर हरियाणा सरकार की समाज को तोड़ने व चुनाव में जाट गैर जाट का जहर घोलने की साजिष व सरकार के इषारे पर काम करने वालों की हकीकत से अवगत कराया जायेगा।
9. समाज के उच्च षिक्षित व सेवानिवृत अधिकारियों की सलाह व मार्ग दर्षन में दीनबन्धु छोटूराम कोचिंग संस्थान की शुरूआत रोहतक में इसलिये की गई थी कि जब तक छोटूराम धाम-जसिया का निमार्ण कार्य पूरा हो, तब तक उसे रोहतक शहर में शुरू कर लिया जाये, जिससे वर्तमान में 2 लाख से अधिक नौकरियों की वैकेन्सी निकली हुई हैं, जिससे समाज के सभी वर्गों के बच्चों को दिषा देकर उनकी भागीदारी बढ़ाई जा सके और उनको कम कीमत में उच्च प्रकार की षिक्षा दी जा सके। इस संस्थान का विरोध करने वालों ने यह दर्षा दिया कि वे केवल सरकार के इषारे पर काम कर रहे हैं। उनका समाज की भलाई से कोई लेना देना नहीं है।
10. संघर्ष समिति का विरोध करने वाले लोगों को यह भी समाज को बताना चाहिये कि सरकार द्वारा किये गये वायदों को पूरा ना करने के लिये सरकार के खिलाफ क्यों नहीं बोलते, जबकि संघर्ष समिति हमेषा अपनी मांगों के लिये धरने प्रदर्षन व अन्य कार्यक्रमों को आयोजित कर सरकार से मांगे पूरी कराने के लिये संघर्षरत है।
11. संघर्ष समिति द्वारा सीबीआई व हाईकोर्ट में मुकदमों की पैरवी के लिये एक पैनल का गठन किया गया है। कोई भी भाई अपने-अपने मुकदमों की पैरवी, उस पैनल के द्वारा करा सकता है। इन पैनलों के साथ कोर्डिनेषन की जिम्मेदारी झज्जर के वरिष्ठ वकील श्री रणधीर सिंह करौंथा को दी गई है।

आज हरियाणा से आये सभी जिलों के पदाधिकारियों ने अपने-अपने विचार रखे और सर्वसम्मति से यह तय किया गया कि हरियाणा के सभी जिलों में 10 अप्रैल 2019 से पहले जिला कार्यकारिणी की बैठकों का आयोजन कर हरियाणा सरकार की चालों व विरोध करने वालों के मंसूबों से अवगत कराकर आने वाले लोकसभा चुनाव में हरियाणा का भाईचारा कायम रखते हुऐ किस तरह पिछड़े, दलित, किसानों व मजदूरों को एकजुट कर बीजेपी का विरोध किया जाये और चुनावों की रणनीति बनायी जाये जिसकी घोषणा अप्रैल में होने वाली प्रदेष कार्यकारिणी की मीटिंग में की जायेगी।

रामभगत मलिक
मुख्य महासचिव प्रदेष व प्रेस प्रवक्ता

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