वंचित वर्गों को न्याय का समान अधिकार प्रदान करना प्राधिकरण का उद्देश्य : सीजेएम

September 13, 2021

वंचित वर्गों को न्याय का समान अधिकार प्रदान करना प्राधिकरण का उद्देश्य : सीजेएम

हिसार, 13 सितंबर रवि पथ :

आर्थिक साधनों के अभाव में कोई भी व्यक्ति न्याय से वंचित ना रहे, इसलिए हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा विभिन्न स्तर पर लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है।
यह जानकारी देते हुए जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल ने बताया कि अनुसूचित जातियां, जनजातियां और पिछड़े वर्ग के सदस्य, मानव दुर्व्यापार के शिकार, बेगार के शिकार, महिलाएं एवं बच्चें, मानसिक रोगी एवं विकलांग, सामूहित विनाश से प्रभावित व्यक्ति (जातीय हिंसा, बाढ़, भूकंप, औद्योगिक श्रमिक), कारागार व किशोर सुधार गृहों में बंद व्यक्ति तथा दिमागी रूप से कमजोर व्यक्ति मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते है। उन्होंने बताया कि भूतपूर्व सैनिक तथा ऐसे व्यक्तियों के परिवार जो युद्घ में मारे गए हो, दंगा पीड़ित, आतंकवाद पीड़ित, स्वतंत्रता सेनानी तथा वे सब व्यक्ति जिन की वार्षिक आय 1 लाख 50 हजार रुपये से कम है, मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों को भी मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि नि:शुल्क कानूनी सहायता प्राप्त करने का इच्छुक व्यक्ति एक सादे कागज पर अपना आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकता है। प्राधिकरण द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त करने के लिए जिला स्तर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश या मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में आवेदन किया जा सकता है। उपमंडल स्तर पर अतिरिक्त सिविल जज एवं अध्यक्ष उप-मंडल विधिक सेवा समिति के कार्यालय में आवेदन करना होगा।
उन्होंने बताया कि आवेदन पत्र में व्यक्ति के साथ हुए अन्याय का विवरण नाम, आय की सीमा तथा वार्षिक आय के बारे में शपथ पत्र भी संलग्न करना होगा। अगर व्यक्ति पिछड़ी जाति/अनुसूचित जाति से संबंध रखता है तो उसका प्रमाण पत्र आवेदन के साथ लगाना होगा। नि:शुल्क कानूनी सहायता के लिए संबंधित व्यक्ति को मुकदमे की पैरवी के लिए वकील, वकील की फीस, गवाहों का खर्च, कागजात का खर्चा भी दिया जाता है।