हरियाणा युवा कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में चलाया “स्कूल बचाओ-शिक्षा बचाओ” आंदोलन

September 10, 2022

हरियाणा युवा कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में चलाया “स्कूल बचाओ-शिक्षा बचाओ” आंदोलन

सरकार द्वारा स्कूल बंद करने का यह कार्य एक पूर्णनियोजित साजिश : दिव्यांशु बुद्धिराजा

हिसार रवि पथ न्यूज़ :

प्रदेश में सरकार द्वारा निरंतर बंद किये जा रहे सरकारी स्कूलों व शिक्षकों के अभाव के चलते गिरते शिक्षा स्तर के खिलाफ हरियाणा युवा कांग्रेस द्वारा प्रदेशस्तरीय आंदोलन “स्कूल बचाओ-शिक्षा बचाओ” आंदोलन बारे प्रेस वार्ता की गयी , प्रदेश सरकार की शिक्षा एवं शिक्षक विरोधी निति के खिलाफ हरियाणा युवा कांग्रेस के इस आंदोलन का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा कर रहे हैं।

इस मोके पर प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा ने बताया की वर्तमान में प्रदेश में सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बेहद गिर चुका है जो की सरकार का शिक्षा व्यवस्था के प्रति उदासीन रवैये को साफ तौर पर दर्शाता है। जहाँ एक तरफ़ लगातार सरकारी स्कूलों को बंद किया जा रहा है वहीं प्रदेश भर के स्कूलों में शिक्षकों का अभाव होना भी बेहद गंभीर समस्या है जिसका मुख्या कारण खट्टर सरकार के 8 वर्ष के कार्यकाल में नाम मात्र सरकारी शिक्षकों की भर्ती का है।

दिव्यांशु बुद्धिराजा ने बताया कि सरकार द्वारा यह कार्य एक पूर्णनियोजित साजिश के तहत किया जा रहा है। जिसमें सरकार ने सबसे पहले शिक्षकों कि भर्ती न कर स्कूलों में शिक्षकों का अभाव पैदा किया गया जिसके परिणाम स्वरुप स्कूलों में छात्रों कि संख्या निरंतर घटती जा रही है ,जिसका फायदा उठाकर सरकार सरकारी स्कूलों को बंद करती जा रही है। दिव्यांशु बुद्धिराजा ने कहा कि हाल ही में सरकार 105 स्कूलों को बंद करके व अपने मंसूबों को जाहिर कर चुकी है कि वह शिक्षा को पूर्णतया निजी हाथों में सौंपना चाहती है। इसी श्रृंखला में और भी सैकड़ों प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च विद्यालयों के नाम हैं, जिन्हें जल्द ही बंद किया जा सकता है। प्रदेश सरकार पहले ही 450 स्कूलों में विज्ञान और भौतिकी शिक्षा को बंद कर चुकी है। यही कारण है कि मौजूदा वर्ष में पिछले वर्ष के मुकाबले एक लाख से ज्यादा एनरोलमेंट कम हुए हैं।

वहीं सरकार द्वारा शिक्षकों की नई ट्रान्स्फ़र नीति की वजह से भी पूरे प्रदेश में विद्यार्थी स्कूलों के बाहर निकलकर प्रदर्शन कर रहे हैं , तर्कहीन नीति की वजह से आज कई स्कूलों में कुछ विषयों के अध्यापकों को वहाँ से हटा लिया गया है जिसकी वजह से मजबूरन उन स्कूलों से उन विषयों को ख़त्म किया जा रहा है।

प्रदेश में सबसे ज़्यादा , 22 सरकारी स्कूल अगर कहीं बंद हुए हैं तो वह खुद शिक्षा मंत्री के ग्रह जिले यमुनानगर में हुए हैं जो बेहद शर्मनाक है। शिक्षा विभाग की ज़िम्मेवारी जिस व्यक्ति पर हो और उसी के घर में सबसे ज़्यादा शिक्षा व्यवस्था के बुरे हाल हैं तो प्रदेश में शिक्षा प्रणाली का क्या हाल होगा , इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

शिक्षा हर एक व्यक्ति का अधिकार है और उसे हर व्यक्ति तक पहुँचाना सरकार का दायित्व है। इसीलिए शिक्षा को संविधान में मौलिक अधिकारों कि श्रेणी में रखा गया है। प्रदेश में शिक्षा को प्रसारित करने और हर बच्चे को शिक्षित करने और सार्वजनिक शिक्षा के उत्थान के लिए पूर्व कि सरकारों ने जो समय समय पर स्कूल बनवाये है उनके सञ्चालन में भी यह सरकार पूरी तरह से विफल रही है। । प्रदेश में नए स्कूल खोलना तो दूर इस सरकार ने पहले से चल रहे स्कूलों को भी बंद करने का काम किया है। हुड्डा सरकार में 1300 से ज़्यादा नए स्कूल खोले गए व 2200 से अधिक स्कूल अपग्रेड किए गए जिन्हें खट्टर सरकार बंद करने पर उतारू है।

आज आदमपुर के खैरमपुर के सरकारी कन्या माध्यमिक विद्यालय जहाँ अध्यापकों की कमी की वजह से शिक्षा व्यवस्था जर्जर हों रही है , जहाँ छोटी बच्चियाँ कई दिनो से धरने पर बैठी है व मोहब्बतपुर तथा चूली गाँव में कई दिनो से अध्यापकों के अभाव की वजह से चल रहे धरने में पहुँच हरियाणा युवा कांग्रेस ने समर्थन दिया

आज प्रदेश भर में विद्यार्थी उनके अभिभावक , शिक्षक व ग्रामीण सड़कों पर है और खट्टर सरकार की गरीब व शिक्षा विरोधी नीति के खिलाफ अपना विरोध जाहिर कर रहे है।
सरकारी आँकड़े बताते हैं कि जहाँ इस सरकार ने बीते 8 सालो में पूरे प्रदेश में मात्र 8 नए सरकारी स्कूल ही खोले है , वहीं दूसरी ओर इस सरकार द्वारा अभी तक लगभग 5000 सरकारी स्कूलों को बंद किया जा चुका है, जो कि सरकार की शिक्षा विरोधी ,गरीब विरोधी विचारधारा को साफ़ तोर पर दर्शाता है। बीते 8 सालो में शिक्षकों की भर्ती भी न कर पाने के कारण एक और जहाँ प्रदेश बेरोजगारी में देश भर में नंबर एक पर आ चुका है वहीं मुख्यमंत्री ने स्वयं यह माना है कि प्रदेश भर के सरकारी स्कूल शिक्षकों कि कमी से झूझ रहे है और आज कि तारीख में प्रदेश भर में शिक्षकों के 35980 पद रिक्त पड़े है।
इस मौक़े पर उनके साथ ज़िला अध्यक्ष सतेंद्र सहारण, राजेंद्र सूरा,धर्मबीर गोयत,गौरव सम्पत,हेमंत सोनी, अमन ढ़िल्लो,विजेंदर हुड्डा,मुकेश कासनिया,बान्दर लितानी,जेपी ज़्याँनी, संदीप बिसला, हिमांशु गोयत, कवींद्र अमरजीत कुंडू आदि मौजूद रहे।