जहरीली शराब पीने से मरने वालों को आर्थिक सहायता के साथ परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दे सरकार – भूपेंद्र सिंह हुड्डा

November 8, 2020

जहरीली शराब पीने से मरने वालों को आर्थिक सहायता के साथ परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दे सरकार – भूपेंद्र सिंह हुड्डा

जहरीली शराब पीने से मरने वालों के परिजनों से मिले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा

मामले की त्वरित जांच कर दोषियों को सख्त सजा दिलाए सरकार – भूपेंद्र हुड्डा

केवल सरपंचों पर रिकॉल का कानून सही नहीं – हुड्डा

बेरोजगारी में नंबर वन बनने के बाद अपराध में भी तेजी से आगे बढ़ रहा हरियाणा – हुड्डा

प्रदेश में फिर से सामने आया एक और धान घोटाला – हुड्डा

सोनीपत, 8 नवंबर रवि पथ :

पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सोनीपत के गूमड़ गांव में जहरीली शराब पीने से मरे लोगों के परिजनों से मुलाकात कर अपनी संवेदना व्यक्त की। इस दौरान भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मरने वालों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए सरकार से पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मरने वालों में कुछ ऐसे लोग भी है,जिनके परिवारजनों के पास अब आय का कोई साधन नहीं बचा। ऐसे में उनकी मदद करना सरकार का नैतिक कर्तव्य बनता है। हुड्डा ने सरकार से मामले की उच्च स्तरीय और त्वरित जांच करवा दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने की भी मांग की है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आज हरियाणा में सरकार के स्थान पर माफिया का राज चल रहा है। यहीं कारण है कि रोजाना कोई ना कोई घोटाला सामने आ रहा है। लॉकडाउन के दौरान जब पूरे देश के लोग अपने घरों में कैद थे, उस समय में भी हरियाणा में बड़ा शराब घोटाला हुआ। हुड्डा ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान हुए इस शराब घोटाले की आज तक जांच भी पूरी नहीं हो पाई है। पहले सरकार ने एसआईटी के स्थान पर शराब घोटाले की जांच एसईटी से करवाई। एसईटी की रिपोर्ट आने के बाद फिर इसकी जांच विजिलेंस से करवाई जा रही है। हुड्डा ने कहा कि कई महीने गुजर जाने के बाद भी विजिलेंस इस पूरे मामले में किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है और ना ही किसी बड़े व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है ।

 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि जहरीली शराब पीने से मरने वाले लोगों ने शराब मंजूरशुदा ठेके के स्थान पर किसी दूसरे व्यक्ति से खरीदी थी तो उस पर रोक लगाना भी सरकार का काम है, लेकिन आज हरियाणा में सरकार और कानून नाम की कोई व्यवस्था नहीं रह गई है। यही कारण है कि पूरे प्रदेश में शराब माफिया अपने पैर पसार चुका है और लगातार बढ़ रहे अपराध के कारण हरियाणा बेरोजगारी के बाद अब अपराध के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है ।

 

हरियाणा सरकार की ओर से पंचायती राज में राईट टू रिकॉल लागू किए जाने के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री कहा कि ये फैसला पहले एमएलए और एमपी पर लागू होना चाहिए। उसके बाद इसे निचले स्तर पर लागू करना चाहिए। हुड्डा ने कहा कि पहले भी पंचायत चुनाव में शैक्षणिक योग्यता लागू की थी, जबकि एक सांसद और विधायक का चुनाव लड़ने के लिए कोई योग्यता नहीं है। सरकार के इस कानून के अनुसार एक गली बनाने वाला सरपंच या फिर पंच पढ़ा लिखा होना चाहिए, जबकि कानून बनाने वाले के लिए किसी भी प्रकार की शैक्षणिक योग्यता नहीं रखी गई है।

 

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मेडिकल की सालाना फीस 53 हजार से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी है, जिसे गरीब और मध्यवर्गीय परिवार के लिए दे पाना बहुत मुश्किल काम है। सरकार के इस फैसले के कारण गरीब का योग्य बच्चा भी डॉक्टर नहीं बन सकेगा,क्योंकि उसके पास फीस के रूप में देने के लिए 10लाख रुपये नहीं होंगे। इससे स्पष्ट है कि अब अमीरों के बच्चे ही डॉक्टर बन सकेंगे।

 

हुड्डा ने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली बीजेपी के राज में आज हरियाणा में बेटियां भी सुरक्षित नहीं रह गई है। बहादुरगढ़ और पानीपत समेत कई स्थानों पर हुई घटनाएं इसका परिणाम है । भूपेंद्र हुड्डा ने नीतिका हत्याकांड केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट से करवाने और दोषियों को सख्त से सजा दिलाने की भी मांग की।

 

हुड्डा ने कहा कि आज बीजेपी सरकार में हर ओर घोटाले ही घोटाले हो रहे है । अभी प्रदेश में पहले हुए धान घोटाले की जांच भी पूरी नहीं हुई है कि एक बार फिर से धान घोटाला सामने आ रहा है। हुड्डा ने कहा कि करनाल में धान के इस सीजन के दौरान साढ़े पांच करोड़ रुपये के फर्जी गेट पास काटने का मामला सामने आया है, जबकि उस दौरान ना तो धान आई और ना ही उसकी बिक्री हुई।

 

हुड्डा ने कहा कि इससे पहले भी दो बार धान घोटाला उजागर हो चुका है। आज हरियाणा के किसानों की फसल बिक नहीं रही और मंडियों में दूसरे राज्यों के फर्जी रजिस्ट्रेशन करवाकर फसल बेच दी जाती है। दूसरे राज्यों से सस्ता चावल मंगवा कर सरकार को सौंप दिया जाता है। हजारों करोड रुपये का घोटाला अब तक अंजाम दिया जा चुका है।

 

हुड्डा ने आगे कहा कि खुद सरकारी जांच में 100 करोड़ के घोटाले का खुलासा हुआ था, लेकिन अब तक किसी भी बड़े अधिकारी या मंत्री पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसका मतलब साफ है कि यह सरकार किसानों का भला नहीं, किसानों के साथ घोटाले करना चाहती हैं। भूपेंद्र हुड्डा ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई या फिर हाईकोर्ट के सीटिंग जज के नेतृत्व में कमेटी बनवाकर करने की मांग की है। साथ ही किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई की भी मांग की।