कोरोना बीमारी से इंकार नहीं किया जा सकता लेकिन बिमारी का बहाना बना कर किसान आंदोलन को खत्म करने की साजिश भाजपा सरकार रच रही है: अभय सिंह चौटाला

April 16, 2021

कोरोना बीमारी से इंकार नहीं किया जा सकता लेकिन बिमारी का बहाना बना कर किसान आंदोलन को खत्म करने की साजिश भाजपा सरकार रच रही है: अभय सिंह चौटाला

किसान जानता है कि करोना से तो बच जाएंगे लेकिन काले कृषि कानूनों से आने वाली नसलें बर्बाद हो जाएंगी

रैलियां, रोड शो, कुंभ स्नान और पंचायत चुनावों के दौरान कोरोना कहां चला जाता है

यह आंदोलन सिर्फ किसानों का नहीं है बल्कि पूरे देश के आम लोगों का आंदोलन है

चंडीगढ़, 16 अप्रैल रवि पथ :

बढ़ती करोना बिमारी का हवाला देते हुऐ किसान आंदोलन को समाप्त करने का प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया बयान बेहद गैर जिम्मेदाराना है। करोना बीमारी से इंकार नहीं किया जा सकता लेकिन बीमारी का बहाना बना कर किसान आंदोलन को खत्म करने की जो साजिश भाजपा सरकार रच रही है उसे इनेलो बर्दाश्त नहीं करेगी और डट कर इस साजिश का विरोध करेगी, यह बात इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने चंडीगढ़ से एक बयान जारी कर कही। उन्होंने कहा कि किसान जानता है कि करोना से तो बच जाएंगे लेकिन काले कृषि कानूनों से आने वाली नसलें बर्बाद हो जाएंगी। आंदोलन को चलते हुए आज 4 महीने 20 दिन हो गए लेकिन आज तक एक भी किसान कोरोना बीमारी से शहीद नहीं हुआ। भाजपा का दोगलापन इस बात से दिखाई देता है कि एक तरफ तो करोना की आड़ में लॉकडाउन का डर दिखा कर आंदोलन को खत्म करने की तैयारी कर रही है वहीं पांच राज्यों में हाल ही में हुए चुनावों में देश के प्रधानमंत्री रैलियां कर रहे थे, देश के ग्रह मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रोड शो कर रहे थे, कुंभ के मेले में ४०-५० लाख लोगों ने स्नान किया, उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव करवाए गए जहां ना तो मास्क था ना ही दो गज की दूरी थी। क्या वहां करोना नहीं था? एक तरफ स्कूल, कॉलेज व अन्य संस्थान बंद किए जा रहे हैं, तो दूसरी तरफ चुनावी रैलियां धड़ल्ले से की जा रही हैं। केंद्र व हरियाणा की भाजपा गठबंधन सरकार कोरोना के टीकाकरण के साथ-साथ अन्य प्रबंधन आदि सभी मोर्चों पर असफल साबित हुई है।


इनेलो नेता ने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ किसानों का नहीं है बल्कि पूरे देश के आम लोगों का आंदोलन है। भाजपा सरकार तुगलकी फरमान जारी कर लोगों को परेशान कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार को किसानों के हितों की चिंता होती तो वह अब तक तीन काले कानून वापिस ले चुकी होती। किसानों को मंडियों में बारदाना की कमी, उठान में देरी व सरकारी कुप्रबंधन के कारण वहां भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सत्ता के नशे में चूर तानाशाह सरकार शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे किसानों का आंदोलन हिंसा के जरिए खत्म करना चाहती है। जो अन्नदाता अपने खून-पसीने से देश का पेट भरता है और जिसके बच्चे देश के भीतर व सरहदों की रक्षा कर रहे हैं, भाजपा सरकार उसी अन्नदाता पर हिंसात्मक कार्यवाही की तैयारी कर रही है। भाजपा सरकार को अपने घमंड को छोडक़र जल्द से जल्द किसानों की मांगों को पूरा करना चाहिए ताकि सभी किसान सुरक्षित अपने घरों को लौट सकें।
भाजपा सरकार पलटू सरकार है इसका उदाहरण है कि पिछले पांच दिनों में भाजपा सरकार अपने चार फैसले पलट चुकी है। 9 अप्रैल को भाजपा सरकार ने बाबा साहेब अंबेडकर की जयंति पूरे प्रदेश में मनाने का शैडयुल जारी किया था लेकिन 11 अप्रैल को यह निर्णय वापिस ले लिया गया। 12 अप्रैल को भाजपा सरकार द्वारा दूसरा सर्कुलर जारी किया गया जिसमें 20 जिलों में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष समेत इनके मंत्री बाबा साहेब की जयंति को मनाएंगे और मुख्यमंत्री सोनीपत के गांव बड़ौली और उप-मुख्यमंत्री रेवाड़ी में जयंति मनाएंगे लेकिन 13 अप्रैल को इस निर्णय को भी वापिस ले लिया गया। ऐसे ही भाजपा सरकार द्वारा एक सर्कुलर जारी कर किसी भी समारोह में लोगों के इक_ा होने पर इंडोर में 200 और आऊटडोर में 500 लोगों की सीमा तय की थी लेकिन अब उसे बदल कर क्रमश: 50 और 200 कर दिया है वहीं दाह-संस्कार पर लोगों के शामिल होने की संख्या पहले 50 की थी अब उसे घटा कर 20 कर दी है।